अब ग्रामीणों को पड़ेगा टैक्स पर नहीं सूखेंगे हलक
जागरण संवाददाता, कन्नौज : अब ग्रामीण इलाकों में पेयजल की दिक्कत नहीं होगी। शहर की तर्ज पर
जागरण संवाददाता, कन्नौज : अब ग्रामीण इलाकों में पेयजल की दिक्कत नहीं होगी। शहर की तर्ज पर ग्रामीणों से भी वाटर टैक्स (यूजर चार्ज) लिया जाएगा। इससे जमा धनराशि का पाइप पेयजल योजना के रखरखाव पर खर्च किया जाएगा।
जिले में आठ विकास खंड हैं। इनमें ग्रामीण पेयजल योजना के अंतर्गत जल निगम ने 60 पानी की टंकियां बनवाकर ग्राम सभाओं को हस्तांतरित की हैं। करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी ग्रामीणों को लाभ नहीं मिल रहा है। तमाम पानी की टंकियां शोपीस बनी हुई हैं। इनमें कभी बिजली तो कभी तकनीकी खराबी रहती है, जो संबंधित विभाग स्तर से ठीक कराई जाती हैं। अब ग्रामीण पेयजल योजना के अंतर्गत पानी की टंकियों में सुधार का काम ग्राम सभा स्तर पर होगा। इसके लिए कनेक्शन धारकों से हर महीने 50-50 रुपये वाटर टैक्स लिया जाएगा। नए कनेक्शन भी किए जाएंगे। यह रकम ग्राम सभा कोष में जमा होगी। किसी भी तरह की कमी आने पर प्रधान व पंप आपरेटर फौरन ग्राम सभा कोष से मरम्मत समेत अन्य काम कराएंगे। बिजली बिल भी ग्राम सभा कोष से जमा होगा। इन विकास खंडों में बनीं पानी की टंकियां
कन्नौज सदर : नसरापुर, गंगधरापुर, दाईपुर, गोवा, सारोतोप, घमाइचमऊ, सहिल्यापुर, फगुहा, गांगेमऊ, चौधरियापुर, जसौली, आंटी, सकरीखुर्द, सैयदपुर सकरी।
छिबरामऊ : विविया जलालपुर, नौली, विशुनगढ़, निगोह खास, मिघौली, खुबरियापुर।
उमर्दा : अज्यौरा, उमरन, हरेईपुर, मदनापुर, उमर्दा, फतेहपुर कपूरापुर, पुर्वा महते, सिमरिया, रामपुर मझिला, जनखत-1, सिहंपुर, जनखत-2, बारापुर-जनखत, गुरौली, ठठिया, अलमापुर, करनौली, खामा।
तालग्राम : तालग्राम देहात, ब्राहिमपुर निजामपुर, अमोलर, ऊंचा, डुंडवा बुजुर्ग, रौतामई, मवई, बरई।
जलालाबाद : तिलपई डिगसरा, जलालाबाद, तेरारागी, मुसरी, पट्टी तिर्वा उत्तिमापुर, परसपुर सरैया, गौरियापुर, अनौगी, बछज्जापुर, नदसिया, फतेहपुर जसोदा, जसौरा।
गुगरापुर : कुसुमखोर बांगर। एक जून को देंगे प्रधान व पंप आपरेटरों को जानकारी
ग्रामीण पेयजल पाइप योजना काफी समय से संचालित है लेकिन जिले में अनदेखी के कारण काम नहीं हो रहा है। ग्रामीण इलाकों में पानी की टंकियां हस्तांतरित होने के बाद से मरम्मत, सफाई, रखरखाव, बिजली बिल, पाइप लाइन क्षतिग्रस्त, लीकेज की जिम्मेदारी ग्राम सभा की है। प्रधान व पंप आपरेटर विभाग और अफसरों पर जिम्मेदारी डालकर बचते आ रहे हैं। पेयजल संकट को देखते हुए डीएम रवींद्र कुमार ने इसका संज्ञान लिया है। एक जून को वह अधिकारियों के साथ प्रधान व पंप आपरेटरों की विकास भवन सभागार में शाम चार बजे बैठक लेंगे। अब तक योजना के मुताबिक कराए गए कार्यो की समीक्षा होगी। साथ में उनकी जवाबदेही तय की जाएगी। यह होंगे कामकाज
-संबंधित विभाग में नहीं करनी पड़ेगी शिकायत।
-मरम्मत के लिए बजट का अभाव होगा खत्म।
-क्षतिग्रस्त पाइप लाइन व लीकेज फौरन ठीक होंगे।
-मोटर, स्टार्टर व बिजली फाल्ट यूजर चार्ज से सुधरेंगे।
-समय पर जमा होंगे बिजली बिल, नहीं कटेंगे कनेक्शन।
-नियमित टंकियों और पाइप लाइन की सफाई की व्यवस्था।
-कनेक्शन धारकों का ग्राम सभा पर ब्योरा रहेगा। ग्रामीणों को फायदा
-पेयजल संकट दूर होने संग दूषित पानी से निजात मिलेगी।
-पानी की टंकियों से क्लोरिनेशन युक्त व शुद्ध पानी आएगा।
-बीमारियां नहीं फैलेंगी व हर माह तकनीकी मशीनों से जांच।
-पेट की बीमारियों के साथ डायरिया की रोकथाम होगी संभव। एक नजर में योजना
कुल टंकी निर्मित हुईं : 60
गांवों की आबादी : 3,00,000
कुल कनेक्शन : 7,500
(आंकड़े अफसरों के मुताबिक) अफसर बोले
ग्रामीण पाइप पेयजल योजना के तहत उपभोक्ताओं से 50 रुपये लिए जाएंगे। यह योजना पहले से है पर अब ग्राम सभा स्तर पालन कराया जाएगा। धनराशि मरम्मत व बिजली के बिल जमा करने में खर्च होगी। इससे भविष्य की दिक्कतें खत्म होंगी।
-अवधेश बहादुर ¨सह, मुख्य विकास अधिकारी।