अब लावारिस बच्चों को भी मिलेगा मां का वात्सल्य
जागरण संवाददाता, कन्नौज: अब लावारिस बच्चों को ममता की छांव और मां का वात्सल्य मिलेगा। जिले में
जागरण संवाददाता, कन्नौज: अब लावारिस बच्चों को ममता की छांव और मां का वात्सल्य मिलेगा। जिले में यह मुहिम शुरू हो चुकी है। बाल संरक्षण विभाग की तरफ से पालना लगवाकर लावारिस नवजात बच्चों को संरक्षण दिया जाएगा। जनपद में पहला पालना मकरंद नगर में लगाया गया है।
प्रदेश सरकार ने समेकित बाल संरक्षण योजना के तहत पालना शिशु स्वागत केंद्र के नाम से एक नई मुहिम की शुरू की है। जिसके तहत सरकारी अस्पतालों के बाहर पालना रखा जाएगा। मंशा यह है कि लोग बच्चे को इधर-उधर न फेंक इस पालना में छोड़ जाएं। पालना के पास ही डोरवेल लगी होगी। जो लोग लावारिस बच्चों को झाड़ियों या कूड़ेदान में फेंक देते हैं, वह पालना में रखकर डोरवेल बजा दें, तो उसकी घंटी अस्पताल में बने शिशु स्वागत केंद्र में बजेगी। कोई देख भी लेगा तो उसे टोका नहीं जाएगा और न ही उस पर कार्रवाई की जाएगी। पालने में मिलने वाले बच्चों का एसएनसीयू (सिक एंड न्यू बोर्न केयर यूनिट) में इलाज होगा। जिला बाल संरक्षण समिति की देखभाल में उसे पालन-पोषण के लिए शिशुगृह मथुरा भेज दिया जाएगा। -----
गोद ले सकेंगे निसंतान दंपती
जिला बाल संरक्षण इकाई के संरक्षण अधिकारी विजय कुमार राठौर ने बताया कि नि:संतान दंपती केंद्रीय दत्तक ग्रहण इकाई (सारा) की वेबसाइट पर आवेदन कर सकते हैं। शिशु स्वागत केंद्र में दो माह रखने के बाद बच्चे को गोद लेने के लिए दावा प्रस्तुत किया जा सकता है। कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स एजेंसी बच्चे को दंपती को सौंपेगी।
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मकरंदनगर स्थित चाइल्ड लाइन 1098 पर पालना लगाया गया है। जिला अस्पताल, विनोद दीक्षित अस्पताल में भी पालना लगाकर शिशु स्वागत केंद्र बनाए गए हैं। जल्द ही जिले की सभी सीएचसी व पीएचसी पर भी पालना स्थापित होंगे।
- अजीत कुमार, परामर्शदाता, बाल संरक्षण समिति