अयोध्या में ही बनेगा राम मंदिर, मोदी फिर बनेंगे पीएम : स्वामी रामभद्राचार्य
जागरण संवाददाता, कन्नौज : 'राम मंदिर निर्माण अयोध्या में ही होगा। हम 99 फीसद आश्वस्त है कि अ
जागरण संवाददाता, कन्नौज : 'राम मंदिर निर्माण अयोध्या में ही होगा। हम 99 फीसद आश्वस्त है कि अगस्त तक मंदिर के पक्ष में ही फैसला आएगा। एक फीसद निर्णय में कुछ बदलाव हुआ तो केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकारें बहुमत में हैं। इसलिए संयुक्त अध्यादेश लाकर राम मंदिर का भव्य निर्माण कराया जाएगा। पत्थर तराशने का काम तेज किया गया है। वर्ष 2019 में नरेंद्र मोदी फिर देश के प्रधानमंत्री बनेंगे।' ये बातें जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज ने कहीं। शुक्रवार को यहां सर्किट हाउस में वे पत्रकारों से मुखातिब थे।
जगद्गुरु ने यह भी कहा कि साधुओं का कर्तव्य प्रभु भजन, वैदिक सेवा करना है। साधुओं को तो एमपी (मेंबर आफ परमात्मा यानी भगवान के सदस्य) बनना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी एक्ट में संशोधन का फैसला बेगुनाहों को बचाने के लिए किया है। इसमें सरकार को पुनर्विचार याचिका नहीं डालनी चाहिए। कहा कि इसके पीछे सरकार का वोट बैंक का कारण होगा। यह गलत है। न्याय पालिका के कार्य में हस्तक्षेप से सरकारों को बचना चाहिए। गंगा सफाई के सवाल पर कहा कि जल्द इस दिशा में महत्वपूर्ण काम होगा। इस मौके पर खनन, आबकारी व मद्य निषेध राज्यमंत्री अर्चना पांडेय, जिलाधिकारी रवींद्र कुमार, एसडीएम शालिनी प्रभाकर, तहसीलदार आरके राजवंशी, जिला सेवायोजन अधिकारी अरविंद पांडेय, प्रदीप दीक्षित, भक्ति विजय शुक्ला समेत अन्य ने उनका आशीर्वाद लिया।
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हादसे में गोवंश की मौत पर दुखी
गुरुवार देर रात आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर राजस्थान जाते समय हादसे में गोवंश की मौत पर जगद्गुरु ने दुख जताया। कहा कि उनको अपने वाहन क्षतिग्रस्त होने व खुद को हल्की चोटें आने का कष्ट नहीं है पर गोवंश की मौत से वे काफी दुखी हैं।
जयचंद को साबित कर देंगे गद्दार जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज ने कहा कि धर्म को भगवा के तौर पर नहीं बांटा जा सकता है। भगवा भगवान का ध्वज है। इसकी शुरुआत शिवाजी महाराज ने कर सभी को प्रेम करना सिखाया था। राजा जयचंद के मोहम्मद गौरी को बुलाने पर कन्नौज की बदनामी की बात कही। एक सवाल के जवाब में कहा कि राजा जयचंद को वह गद्दार साबित कर देंगे। इसके लिए आयोजकों को इनाम राशि बढ़ानी पड़ेगी। अंत में कहा कि उनके दिव्यांग विश्वविद्यालय में तीन जून 2018 को बीएड, एमएड समेत कई विषयों में दिव्यांग अभ्यर्थियों की प्रवेश परीक्षा हो रही है। इसमें वरीयता के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा। सफल होने वालों को निश्शुल्क शिक्षा, भोजन, आवास की व्यवस्था है। बताया कि उनको बचपन से राम चरित मानस कंठस्थ है। महज सात साल की उम्र से वह इसका अध्ययन कर रहे हैं। रामचरित मानस में गीता प्रेस की 4200 गल्तियां निकाली थीं। बताया कि इसके लिए उनके खिलाफ लखनऊ खंडपीठ में मुकदमा भी चलाया गया लेकिन बाद में विपक्षी को मुंह को खानी पड़ी और उनकी जीत हुई। बोले, बाबा आशाराम, राम रहीम, रामपाल संत नहीं है। बच्चों को अच्छे संस्कार देने चाहिए