बाटम : जिला अस्पताल की निजी लैब में जांच को आधार कार्ड जरूरी
जागरण संवाददाता, कन्नौज : सूबे के प्रत्येक जिला अस्पताल में सरकार से समझौते पर निजी क्षेत्र की
जागरण संवाददाता, कन्नौज : सूबे के प्रत्येक जिला अस्पताल में सरकार से समझौते पर निजी क्षेत्र की कंपनी ने लैब खोली है। यहां खून की जांच कराने में फर्जीवाड़ा सामने आने पर शासन ने नई व्यवस्था दी है। इसलिए जिला अस्पताल की संबंधित लैब में जांच कराने आप जा रहे हैं तो अपने साथ आधार कार्ड जरूर ले जाना याद रखें। महंगी जांचों के बाद प्रति मरीज के हिसाब से लैब को सरकार भुगतान करती है।
प्रदेश की भाजपा सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिये सभी जिला अस्पतालों में निजी पैथालॉजी करीब एक साल पहले खुलवाई थीं। इनसे सरकार ने खून की उन जांचो के लिये करार किया था, जो सरकारी पैथालॉजी में नही हो पाती थीं। इसके लिए बाकायदा निजी पैथालॉजी को सरकार से भुगतान मिलता है। एक माह में जांच पर्चों की संख्या के आधार पर सरकार इनको धनराशि देती है। मरीजों की मुफ्त जांच के नाम पर कई निजी पैथोलॉजी ने फर्जीवाड़ा कर ज्यादा रकम वसूल ली। इसकी शिकायत शासन तक पहुंची। जांच कराने पर सच्चाई सामने आ गई।
अब ऐसे होगी जांच
फर्जीवाड़ा रोकने के लिए सरकार ने संबंधित डॉक्टर के वेरीफिकेशन संग मरीज का आधार कार्ड अनिवार्य किया है। आधार कार्ड की फोटोकॉपी जमा किए बिना किसी मरीज के खून की जांच नही होगी। लैब में गंभीर बीमारियों से जुड़ी ज्यादातर जांचें होती हैं।
आधार कार्ड मुसीबत, मरीज परेशान
निजी पैथालॉजी का फर्जीवाड़ा रोकने को सरकार ने बेहतर कदम बढ़ाया है लेकिन यह ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले मरीजों की मुसीबत बन गया है। दूर-दराज से आने वाले तमाम मरीज प्रतिदिन जिला अस्पताल से लौट रहे हैं। मंगलवार को सदर तहसील के मियांगज गांव से आए युवक ने खून जांच कराने की कोशिश की तो यह सच्चाई सामने आई। आधार कार्ड व डॉक्टर से वेरीफिकेशन न होने पर वह काफी देर तक भटकता रहा। सीएमएस डॉ. आरपी शाक्य के पास पहुंचने पर उसे जिला अस्पताल में तैनात डॉ. कुलदीप यादव से हस्ताक्षर कराने का हवाला दिया गया। इससे मरीज काफी देर तक परेशान होकर लौट गया।
इनका कहना है
'निजी लैब में आधार कार्ड व डॉक्टर के वेरीफिकेशन करने पर जांच की व्यवस्था है। इसलिए नियम का पालन कराया जा रहा है। सरकारी लैब में उपलब्ध व्यवस्था के आधार पर खून की जांच बिना किसी कार्ड के होती है।'
-डॉ. आरपी शाक्य, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, जिला अस्पताल कन्नौज