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बिना वेंटीलेटर खतरे में रहती नवजातों की जान

सदर कोतवाली के ग्राम गुमटिया निवासी हरीओम की पत्नी पूनम ने 4 नवंबर को दो जुड़वां बच्चों को जन्म दिया था। दोनों बच्चे प्री-मैच्योर डिलीवरी के थे और उनका वजन भी एक किलोग्राम से कम था। इसमें एक बच्चे ने जन्म के कुछ देर बाद ही दम तोड़ दिया। जबकि दूसरे बच्चे को एसएनसीयू

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Nov 2019 10:50 PM (IST)Updated: Thu, 14 Nov 2019 06:14 AM (IST)
बिना वेंटीलेटर खतरे में रहती नवजातों की जान
बिना वेंटीलेटर खतरे में रहती नवजातों की जान

जागरण संवाददाता, कन्नौज: मेटरनिटी विग के एसएनसीयू (सिक एंड न्यू बोर्न केयर यूनिट) में बिना वेंटीलेटर मासूमों की जान खतरे में रहती है। यहां एक 900 ग्राम वजन का नवजात बच्चा गंभीर है और उसे वेंटीलेटर की जरूरत है। डॉक्टरों ने उसे रेफर किया, लेकिन स्वजन बाहर ले जाने को तैयार नहीं हैं।

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सदर कोतवाली के ग्राम गुमटिया निवासी हरिओम की पत्नी पूनम ने 4 नवंबर को दो जुड़वां बच्चों को जन्म दिया था। दोनों बच्चे प्री-मैच्योर डिलीवरी के थे और उनका वजन भी एक किलोग्राम से कम था। इसमें एक बच्चे ने जन्म के कुछ देर बाद ही दम तोड़ दिया। जबकि दूसरे बच्चे को एसएनसीयू में भर्ती किया गया। उसकी भी हालत नाजुक बनी हुई है। काफी इलाज के बाद भी उसकी हालत में सुधार नहीं हो रहा है। पीडियाट्रीशियन डॉ. सुरेश यादव ने बताया कि बच्चे का वजन केवल 900 ग्राम है और ऐसे में उसे वेंटीलेटर की आवश्यकता है। इसके लिए बच्चे को कानपुर या सैफई के लिए रेफर किया गया है, लेकिन स्वजन तैयार नहीं हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि कई बार सीएमएस से एसएनसीयू में वेंटीलेटर की व्यवस्था कराने की मांग की गई है, लेकिन अभी तक यहां व्यवस्था नहीं हुई है, जिससे गंभीर बच्चों की जान हमेशा खतरे में रहती है। कई बच्चों की जान भी जा चुकी है। सीएमएस डॉ. उमेशचंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि वेंटीलेटर के लिए कई बार उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा जा चुका है।


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