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युवावस्था में बिगड़ता मानसिक स्वास्थ्य

संवाद सहयोगी, तिर्वा : युवावस्था में ही मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ता है और युवा पीढ़ी अपराध की सीढि

By JagranEdited By: Published: Wed, 10 Oct 2018 06:58 PM (IST)Updated: Wed, 10 Oct 2018 06:58 PM (IST)
युवावस्था में बिगड़ता मानसिक स्वास्थ्य
युवावस्था में बिगड़ता मानसिक स्वास्थ्य

संवाद सहयोगी, तिर्वा : युवावस्था में ही मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ता है और युवा पीढ़ी अपराध की सीढि़यों पर कदम रखती है। 16 से 30 वर्ष की आयु तक लोगों में मानसिक दिक्कतें बढ़ती है। इसको रोकने के लिए डॉक्टरों, परिजनों व समाज को एकजुट होना पड़ेगा।

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बुधवार को राजकीय मेडिकल कालेज के शैक्षणिक भवन में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसके साथ ही चित्रकला, श्लोगन, निबंध व कविता प्रतियोगिता भी हुई। प्रतियोगिता में एमबीबीएस के छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। मानसिक रोग विशेषज्ञ प्राचार्य डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार ने बताया कि युवावस्था खतरनाक अवस्था होती है। इसी में व्यक्ति बिगड़ता व अपनी सफलता का रास्ता तय करता है। इन हालातों में समाज व परिजनों को संभलकर रहना होगा। इसके बाद प्रतियोगिता में प्रतिभागी छात्र-छात्राओं का परिणाम घोषित किया गया। निबंध में 2018 बैच के सार्थक ¨सह प्रथम व 2016 बैच की रुबिया ¨सह द्वितीय रहीं। कविता में 2018 बैच के अजय कुमार प्रथम व 2018 बैच के सविता द्वितीय रहीं। श्लोग्न में 2018 बैच के प्रियंका गौतम प्रथम व 2018 बैच के पूनम शर्मा द्वितीय रहीं। चित्रकला में 2018 बैच की प्रियांशी अग्रवाल व 2018 बैच की र्विणका कुमारी ने दूसरा स्थान हासिल किया। इस मौके पर पूर्व प्राचार्य डॉ. डीएस मार्तोलिया, डॉ. रीना संत, डॉ. जेपी ¨सह आदि चिकित्सा शिक्षक मौजूद रहे।


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