किशोर की मौत, इलाज में लापरवाही का आरोप
अवधेश कुमार दुबे खेती-बाड़ी करते हैं जबकि उनके बड़े भाई सर्वेश दुबे रेलवे स्टेशन पर ठेली लगाते हैं। अर्पित उनका इकलौता बेटा था। उससे बड़ी दो बहने सोनी और मोनी हैं। वह इस समय कक्षा 9 का छात्र था। बेटे के शव को देख उसकी मां बेसुध होकर गिर पड़ी।
जागरण संवाददाता, कन्नौज: बुखार और इंफेक्शन ने मात्र तीन घंटे में किशोर की जान ले ली। सुबह बुखार आने के बाद परिजन उसे बेहोशी की हालत में जिला अस्पताल लाए, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। परिजनों ने इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। सीएमओ ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
गुरुवार सुबह शहर के मोहल्ला शिवाजी नगर निवासी अवधेश कुमार दुबे के 15 साल के बेटे अर्पित को तेज बुखार आया। परिजन उसे बेहोशी की हालत में जिला अस्पताल ले गए, जहां उपचार के दौरान अर्पित ने दम तोड़ दिया। उनके रिश्तेदार रामू तिवारी ने आरोप लगाया कि जिला अस्पताल में डॉक्टर व बेड न होने की बात कहकर उन्हें वापस किया जा रहा था। इससे इलाज में देरी हुई और अर्पित की मौत हो गई।
सीएमओ ने कराया डेथ ऑडिट
दिमागी बुखार से मौत की जानकारी मिलने के बाद सीएमओ डॉ. कृष्ण स्वरूप ने तत्काल डेथ ऑडिट कराया। मौके पर एसीएमओ डॉ. कमलचंद्र रॉय व डॉ. आतिफ हुसैन को भेजा। दोनों डॉक्टरों ने डेडबॉडी का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि अर्पित 15 दिन पहले हरदोई गया था, जहां उसके चेहरे पर जहरीले कीड़े ने काट लिया था। इससे चेहरे पर सूजन आ गई और फुंसी हो गई। खुजलाने से फुंसी फूट गई, जिससे सेप्टिक बन गया और संक्रमण से उसकी हालत खराब हो गई। उन्होंने बताया कि अर्पित की मौत सेप्टिक मेनिनजाइटिस से हुई है। दिमागी बुखार से मौत की बात गलत है। डेथ ऑडिट की रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेज दी गई है। बुझ गया इकलौता चिराग
अवधेश कुमार दुबे खेती-बाड़ी करते हैं, जबकि उनके बड़े भाई सर्वेश दुबे रेलवे स्टेशन पर ठेली लगाते हैं। अर्पित उनका इकलौता बेटा था। उससे बड़ी दो बहनें सोनी और मोनी हैं। वह इस समय कक्षा 9 का छात्र था। बेटे के शव को देख उसकी मां बेसुध होकर गिर पड़ी।