Move to Jagran APP

पूर्व सरकारों की पकड़ी धांधली, जांच

जागरण संवाददाता, कन्नौज: विधानसभा की पंचायती राज समिति ने कन्नौज व फर्रुखाबाद जिलों के अभिलेख ख

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 07:28 PM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 07:28 PM (IST)
पूर्व सरकारों की पकड़ी धांधली, जांच
पूर्व सरकारों की पकड़ी धांधली, जांच

जागरण संवाददाता, कन्नौज: विधानसभा की पंचायती राज समिति ने कन्नौज व फर्रुखाबाद जिलों के अभिलेख खंगाले तो सपा व बसपा शासन काल में कराए गए विकास कार्यों में खूब धांधली मिली। अफसरों को फटकार लगाते हुए मामले की जांच कराकर एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी गई।

loksabha election banner

शासन के निर्देश पर विधानसभा की पंचायती राज समिति कानपुर व आगरा मंडल के जिलों में सपा व बसपा शासन काल में 2010 से हुए विकास कार्यों की जांच कर रही है। शुक्रवार को समिति के अध्यक्ष मेरठ विधायक सोमेंद्र तोमर, विधायक शिकोहाबाद मुकेश वर्मा व एमएलसी कानपुर अरुण पाठक 20 सदस्यीय टीम के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे। यहां कन्नौज व फर्रुखाबाद जिलों की 2010 से कराए गए कार्यों की पड़ताल की। दैनिक जागरण की खबर का संज्ञान लिया तो आवास व शौचालय आवंटन में धांधली पकड़ी। अफसरों से आंकड़े मांगे तो नहीं दिखा सके। बीएसए समेत कई अधिकारी गैर हाजिर रहे। फटकार के साथ कार्रवाई के निर्देश दिए। संबंधित अधिकारी भी बीच-बीच में फटकार खाते रहे। समिति बनाकर गड़बड़ी की जांच कराने के निर्देश दिए।

कमालगंज में दो साल में 2100 हैंडपंप रीबोर

दोनों जिलों की जांच में फर्रुखाबाद की स्थिति बेहद खराब मिली। सीडीओ ने कमालगंज में दो साल में 2,100 हैंडपंप रीबोर होने का हवाला दिया। जो जांच के दौरान फर्जी आंकड़े पकड़े गए। जांच समिति ने दो साल में हैंडपंप रीबोर कराने का तरीका पूछा। जो नहीं बता सके। इस पर जिला स्तरीय जांच के निर्देश दिए। दोनों जिलों में 2012 से 18 तक सड़क निर्माण में धांधली की मिली। आडिट भी नहीं कराया गया। 5.50 करोड़ आपत्तियां पाई गईं। सड़क मरम्मत की रकम दूसरी मदों में खर्च कर दी गई। ठेकेदारों को मनमर्जी से ठेके उठाए गए।

बिना एमएम 11 के मौरंग कारोबार, होगी वसूली

जांच समिति ने फर्रुखाबाद में बड़े पैमाने पर बिना एमएम 11 फार्म के मौरंग का कारोबार होना पाया। इस पर जुर्माना समेत रिकवरी के आदेश दिए। वहीं, कन्नौज में भी एक एमएम 11 की फोटो कापी से कई बालू खनन की गाड़ियां पास हुई हैं। हालांकि यह बात सामने नहीं आई। फर्रुखाबाद में 2012-13 में सत्तापक्ष के दबाव में आडिट तक नहीं कराया गया। फर्रुखाबाद में विकास कार्य के लिए 70 करोड़ रुपये आए थे। इसका महज दस फीसद ही उपयोग हुआ है। तमाम विकास योजनाओं के प्रारूप तक दोनों जिलों के नहीं मिले। फिर भी कन्नौज की स्थित ठीक रही।

बने रोस्टर

पंचायत घर, स्कूल व पंचायत भवनों में तैनात सचिव व सफाई कर्मियों के सर्दी व गर्मी के दिनों के रोस्टर बनाकर चस्पा करने के निर्देश दिए। समिति शनिवार को इटावा व औरैया की जांच करेगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.