जमीनी नेता को प्रदेश अध्यक्षी मिलने पर इतरा रही इत्रनगरी
दोलन के समय कानपुर में बनाई गई अस्थाई जेल गए। उन्हीं के नेतृत्व में यहां से बस भर कर गई थी। साल 1993 में विभाग प्रमुख बने।
जागरण संवाददाता, कन्नौज : दिल्ली में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की कमान आदेश गुप्ता को मिली तो इत्र नगरी कन्नौज खुशी से इतरा रही है। गुरसहायगंज से काम की तलाश में दिल्ली गए आदेश ने लंबे संघर्ष के बाद पार्टी में शीर्ष मुकाम पाया। जमीनी नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने पर गृह जनपद में मिष्ठान्न वितरण कर खुशियां मनाई गईं।
गुरसहायगंज के शास्त्री नगर निवासी भाजपा के पूर्व नगर अध्यक्ष शंभू दयाल गुप्ता के बड़े पुत्र आदेश वर्ष 1989 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से छात्र राजनीति में उतरे। तब वह कन्नौज के मदन मोहन मालवीय इंटर कॉलेज के छात्र और विद्यार्थी परिषद के जिला प्रमुख थे। फर्रुखाबाद-कन्नौज एक जिला रहने के दौरान राम मंदिर आंदोलन में उन्होंने छात्रों को एकजुट किया। वर्ष 1991-92 में आंदोलन के समय जेल गए। वर्ष 1993 में वह विभाग प्रमुख बने। उन्हें इटावा, औरैया फर्रुखाबाद की जिम्मेदारी दी गई। साल 1994-95 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश मंत्री बने। साल 1996 में आगरा से घर लौटे और शादी हो गई। शादी के बाद वर्ष 1997 में काम की तलाश में दिल्ली गए और वहां ठेकेदारी करने लगे। इस बीच वह संघ और भाजपा से सक्रियता से जुड़े रहे। उन्होंने भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय मंत्री की जिम्मेदारी भी निभाई। वर्ष 2017 में दिल्ली पश्चिम के पटेल नगर से पहली बार पार्षद बने। वर्ष 2018 में वह उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर बने। दिल्ली में विस चुनाव के पहले उन्हें बंगाली समाज को पार्टी से जोड़ने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उनके साथ संघर्ष करने वाले सहयोगी उनकी कामयाबी पर खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं। उनके साथ जुड़े रहे बनियानी गांव निवासी प्राथमिक शिक्षक आलोक झा ने बताया कि आदेश ने लगन से फर्श से अर्श तक का सफर तय किया है।
आंदोलन कर दिलाई विज्ञान वर्ग की मान्यता
उन्होंने नगर के मदन मोहन इंटर कालेज को विज्ञान वर्ग की मान्यता दिलाने के लिए संघर्ष किया। एक माह तक धरना-प्रदर्शन किया। उनकी मेहनत रंग लाई और मान्यता मिली।
माता-पिता ने बांटी मिठाई
पिता शंभू दयाल गुप्ता, मां उर्मिला, भाई पूर्व जिला महामंत्री देवेंद्र देव, अनिल गुप्ता, शिवा गुप्ता, अजीत, आंचल गुप्ता आदि ने मिठाई बांटकर खुशी मनाई।