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गांवों में पानी कम हुआ तो बढ़ी दुश्वारियां

-बाढ़ प्रभावित गांवों में गंदगी और कीचड़ से निकलना हुआ मुश्किल -बीमारियों का प्रकोप बढ़ा

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 11:23 PM (IST)Updated: Wed, 12 Sep 2018 11:23 PM (IST)
गांवों में पानी कम हुआ तो बढ़ी दुश्वारियां
गांवों में पानी कम हुआ तो बढ़ी दुश्वारियां

-बाढ़ प्रभावित गांवों में गंदगी और कीचड़ से निकलना हुआ मुश्किल

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-बीमारियों का प्रकोप बढ़ा तो जिला अस्पताल में खोला गया वार्ड जागरण संवाददाता, कन्नौज: भले ही पतित पावनी गंगा और उसकी सहायक नदी काली में जलस्तर कम हुआ हो लेकिन लोगों की दुश्वारियां बढ़ गईं हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में गंदगी और कीचड़ से लोगों का जीना मुहाल है और बीमारियों ने भी अपने पांव पसार लिए हैं। स्थिति को भांपते हुए डाक्टरों की एक टीम जहां गांवों में डेरा डाले हुए है, वहीं जिला अस्पताल में अलग से बाढ़ पीड़ित वार्ड खोला गया है।

पिछले पांच दिन से बारिश नहीं हुई, जिससे गंगा और काली नदी का जलस्तर लगातार घट रहा है। गंगा का जलस्तर घटने से कासिमपुर और बख्शीपुरवा के लोगों ने राहत की सांस ली है तो काली नदी के बाढ़ प्रभावित गांव अलियापुर, जुकैया, चौराचांदपुर, सलेमपुर, रिजिगिरि व चौधरियापुर समेत कई गांवों में लोगों की दुश्वारियां बढ़ने लगीं हैं। इसका कारण है कि जलस्तर घटने से जहां जलभराव था, वहां कीचड़ हो गया था। अब चटख धूप निकलने से बीमारियों ने भी अपने पांव पसार लिए हैं। चिकित्सकों ने जब इन गांवों में शिविर लगाकर परीक्षण किया तो सबसे अधिक मरीज बुखार और टाइफायड के मिले थे। बाढ़ पीड़ित वार्ड में नहीं भर्ती हुए मरीज

जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में बाढ़ पीड़ितों के लिए अलग से वार्ड खोला गया है और इसका इंचार्ज डॉ.वीके शुक्ला को बनाया गया है। अभी तक इस वार्ड में एक भी मरीज भर्ती नहीं हुआ। सीएमएस डॉ.राजेंद्र प्रसाद शाक्य ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाके में डॉ.गीतम ¨सह के नेतृत्व में टीम रात-दिन कैंप कर रही है और मरीजों को वहीं दवाइयों का वितरण किया जा रहा है। इस वजह से बाढ़ पीड़ित मरीज वार्ड में भर्ती नहीं हो रहे हैं।


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