बिजली घर है जाना तो पार करो रजवाहा
संवाद सूत्र नादेमऊ क्षेत्र को बेहतर आपूर्ति दिलाने के लिए बिजली विभाग के अधिकारियों ने उपकें
संवाद सूत्र, नादेमऊ: क्षेत्र को बेहतर आपूर्ति दिलाने के लिए बिजली विभाग के अधिकारियों ने उपकेंद्र का निर्माण करवा दिया। आने जाने के रास्ते का कोई ध्यान नहीं रखा। रजवाहा में पानी आने के बाद कर्मियों को बिजली पोल के सहारे आना पड़ रहा है।
नादेमऊ क्षेत्र के किसई जगदीशपुर में नए बिजलीघर का निर्माण कराने का निर्णय लिया गया। एक वर्ष पहले बिजली घर बनने के बाद क्षेत्र को इससे सप्लाई शुरू कर दी गई। बिजली घर तक पहुंचने के लिए एक रजवाहा से होकर निकलना पड़ता है। कर्मी उपकेंद्र पर जाते समय बाइक को रजवा के दूसरी ओर छोड़ देते हैं। रजवाहा पारकर उपकेंद्र पर पहुंचते हैं। इस रजवाहा में पानी आ गया है। ऐसे में वह रास्ता भी बंद हो गया। कोई समाधान न होने पर कर्मियों ने एक बिजली का पोल डाल दिया। एसएसओ रजनीश, बालकिशन, राम मनोहर, दिनेश चंद, लाइनमैन हरिओम, मोनू, संतराम, लालू व संजू आदि ने बताया कि पुलिया का निर्माण न होने से बिजली घर तक आने में बेहद परेशानी होती है। बाइक भी सड़क किनारे छोड़ कर ड्यूटी करनी पड़ती है। इस बारे में कई बार अधिकारियों को अवगत कराया गया, लेकिन अब तक समस्या का समाधान नहीं हो सकता है। अवर अभियंता संत कुमार धीर ने बताया कि अभी तक रजवाहा सूखा था। वहां से कर्मी निकल जाते थे। पानी आ जाने से समस्या उत्पन्न हो गई है। अधिकारियों को अवगत कराया गया है। अफसरों के बुलाने के बाद भी नहीं आए जेई
संवाद सहयोगी, छिबरामऊ: निर्माणाधीन वृहद गो-संरक्षण केंद्र में तालाब खोदाई को लेकर अफसरों ने कई बार जेई को मौके पर बुलाया। जेई केंद्र पर नहीं पहुंचे। इस पर नाराज प्रभारी बीडीओ ने जेई से स्पष्टीकरण मांगने के निर्देश दिए।
प्रभारी बीडीओ मनोज कुमार चतुर्वेदी शनिवार को उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा. मोहन सिंह व एडीओ समाज कल्याण एसके मिश्रा के साथ नगला दिलू स्थित निर्माणाधीन वृहद गो-संरक्षण केंद्र पर पहुंचे। उन्होंने खोदाई जा रहे तालाब की स्थिति देखी। दो-तीन बार जेई से मोबाइल पर बात की। निरीक्षण पूरा होने तक जेई मौके पर नहीं पहुंचे। हरे चारे का इंतजाम करने को जमीन की स्थित देखी। सचिव मनोज शर्मा ने करीब तीन बीघा जमीन गोशाला से जुड़ी होने की बात कही। गोशाला तक पहुंचने वाले रास्ते के निर्माण को देखा। बोर्ड के स्विच आदि भी सही नहीं लगे थे। कार्यदायी संस्था की प्रस्तावित रिपोर्ट देखने की बात कही। सचिव को परिसर में खड़ी झाड़ियां मनरेगा श्रमिकों की मदद से साफ कराने के निर्देश दिए। प्रभारी बीडीओ मनोज कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि लापरवाही बरतने पर जेई से स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है। कार्यदायी संस्था से 10-12 दिन में संरक्षण केंद्र के हस्तांतरण के प्रयास किए जा रहे हैं। वृहद गो-संरक्षण केंद्र का निर्माण उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ लिमिटेड निर्माण प्रखंड कानपुर (फर्रुखाबाद) की ओर से कराया जा रहा है। इसके लिए स्वीकृत लागत 1.20 करोड़ है। योजना का कार्य 12 सितंबर 2019 को शुरू कराया गया था।