कहीं मिले नहीं तो कहीं अधूरे पड़े शौचालय
संवाद सहयोगी, छिबरामऊ : जिले को ओडीएफ घोषित करने की तैयारी है। कागजों में शौचालय बन
संवाद सहयोगी, छिबरामऊ : जिले को ओडीएफ घोषित करने की तैयारी है। कागजों में शौचालय बन गए हैं। मगर जमीनी हकीकत इससे इतर है। आज भी गांव में लोग शौचालय के लिए तरस रहे हैं। वह खुले में शौच जाने को मजबूर हैं। वहीं कई स्थानों पर शौचालय अधूरे पड़े हैं।
प्रेमपुर क्षेत्र से सटे ग्राम पंचायत मिघौली में अभी भी लोग शौचालय के लिए घूम रहे हैं। ग्राम छछौनापुर मटेहना, बैरागपुर, नगला भजा, मिघौला सहित कई गांव में लोगों को शौचालयों की जरूरत है। इसके लिए कई बार वह विकास खंड कार्यालय पर प्रार्थनापत्र भी दे चुके हैं लेकिन अब तक योजना का लाभ नहीं मिल पाया है। संवाद सूत्र, प्रेमपुर के अनुसार दिलीप, अनार ¨सह, अवधेश, रघुनाथ, आशाराम, रहीश, रामू, श्याम ¨सह, वेदप्रकाश, सर्वेश, ईश्वर दयाल सहित कई ग्रामीण परेशान हैं। उनके परिवार की महिलाएं व बेटियां आज भी खुले में शौच जा रहीं हैं। चपुन्ना के ग्राम आलमशाहपुर्वा मझपुरवा, पाह की स्थिति भी अच्छी नहीं है। इन गांवों में भी लोगों को शौचालय नहीं मिल सके हैं। कार्यालयों के चक्कर काटकर थक गए है। कई स्थानों पर शौचालयों का पैसा खातों में पहुंच गया है। कुछ लोगों ने छत ही नहीं डलवाई है और कई स्थानों पर गड्ढों के ढक्कन आदि भी गायब हैं। सौरिख, तालग्राम, सिकंदरपुर से जुड़े ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्थिति कुछ ऐसी ही है। प्रभारी बीडीओ शिशुपाल ¨सह ने बताया कि लक्ष्य के अनुरूप गांव में तेजी से शौचालयों का निर्माण कराया जा रहा है। इसके फोटो भी अपलोड कराए जा रहे हैं। यदि कहीं पर कोई खामी रह गई है तो जांच कर उसे भी दुरुस्त कराया जाएगा। हर घर में शौचालय का निर्माण जरूरी है।
दिव्यांग को भी नहीं मिला शौचालय
ग्राम नगला भजा निवासी रजनेश की आंखों की रोशनी गायब है। ऐसे में वह चलने फिरने में दिक्कत महसूस करता है। उसने शौचालय के लिए आवेदन किया लेकिन अभी तक उसे शौचालय नहीं मिल पाया है। रजनेश ने अधिकारियों से समस्या का देखते हुए शीघ्र शौचालय दिलवाए जाने की मांग की है।