पांडु नदी में उफान आने से सैकड़ों बीघा फसलें जलमग्न
संवाद सूत्र ठठिया पांडु नदी में पानी का उफान आने से आसपास के खेतों में जलभराव की समस्या
संवाद सूत्र, ठठिया : पांडु नदी में पानी का उफान आने से आसपास के खेतों में जलभराव की समस्या हो गई है। इससे सैकड़ों बीघा फसलें जलमग्न हो गई। इसमें धान व मक्का की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान है। इसको लेकर किसानों ने मुआवजे की गुहार लगाई। तहसील प्रशासन ने जांच और नुकसान के आकलन को टीमें लगाई हैं।
थाना क्षेत्र के औसेर क्षेत्र से निकली पांडु नदी में अचानक पानी बढ़ने से आसपास के करीब 16 गांव के किसानों की धान और मक्का की फसल जलमग्न हो गई। इससे फसलों में नुकसान होना तय हो गया। किसानों ने प्रशासन से मुआवजे को लेकर गुहार लगाई। किसान प्रदीप राजपूत, सरोज कुमार, अनंतराम, प्रकाश चंद्र यादव, आनंद शाक्य, हेमराज वर्मा, स्वदेश कुमार, नरेश चंद्र, सर्वेश यादव, प्रेमचंद्र समेत कई किसानों ने बताया कि तीन वर्ष से पांडु नदी में जलस्तर बढ़ने की समस्या हो जाती है। इसका नुकसान किसानों को उठाना पड़ता। नदी के आसपास क्षेत्रों में पानी भर जाता है। इससे फसलें नष्ट हो जाती है। बर्बादी की भरपाई तो दूर लागत का 50 फीसद भी मुआवजा नहीं मिलता है।
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बीमा से नहीं मिला मुआवजा
औसेर के सतेंद्र सिंह, सिमरिया के लालू यादव, करसाह के सुरेंद्र दोहरे ने बताया कि पूर्व में फसल बीमा कराया था। नुकसान होने पर मुआवजा नहीं मिला। बीमा कंपनी ने हाथ खड़े कर दिए थे। कई दिन तक चक्कर लगाए, लेकिन थक हार कर घर बैठ गए थे।
इन गांव के लोगों को नुकसान ज्यादा
औसेर, पुरईपुवर, बंथरा, सिमरिया, रामपुर, लक्ष्मणपुर, रक्सइया, मुचरुवापुर, रहमतपुर, भन्नपुवर, सिगरी, हमीरपुर, नयापुवर, बिहारीपुर, दलेलपुर सहित अन्य कई गांव के किसानों की फसलें जलमग्न हो गई है।
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राजस्व निरीक्षक समेत छह टीमें सर्वे के लिए लगाई गई। जांच कराई जा रही। किसानों को फसल बर्बादी का मुआवजा दिया जाएगा। साथ ही जिनके मकान कच्चे हैं, वह लोग आसपास के सरकारी भवन में रहकर गुजारा कर सकते हैं। उनके लिए जल्द ही आवास का इंतजाम कराया जाएगा।
अनिल कुमार सरोज, तहसीलदार