सरकारी अस्पताल खाली, झोलाछाप काट रहे मौज
संवाद सूत्र, ठठिया : सरकारी अस्पताल के बेड खाली है, लेकिन झोलाछाप की दुकानों पर मरीजों
संवाद सूत्र, ठठिया : सरकारी अस्पताल के बेड खाली है, लेकिन झोलाछाप की दुकानों पर मरीजों की लाइनें लगी। वजह यह कि अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही मरीजों पर भारी पड़ती है। इससे मरीज मजबूर होकर झोलाछाप की दुकानों पर इलाज करा रहे हैं।
ठठिया के औसेर चौकी क्षेत्र के गांव बाढ़ ग्रसित है और यहां पर पानी कम होने के बाद अब बीमारियां फैलने लगी। बीमारियों के कारण उमरन में पांच लोगों की मौतें भी हो चुकी। इसके बाद भी सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर बेपरवाह है। इनको मरीजों की कोई फिक्र नहीं है। जनखत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में वार्ड ब्वाय मरीजों के इंजेक्शन लगा रहे और फार्मासिस्ट दवाएं बांट कर मरीजों के इलाज की भरपाई कर रहे। डॉक्टर न होने से काफी दिक्कतें होती है। इसी कारण, औसेर क्षेत्र में झोलाछाप की दुकानों चमकने लगी और मरीजों की लंबी लाइनें लगी है। झोलाछाप दुकानदार अपनी धन उगाही करने के लिए अंदाज से ही इलाज कर रहे। दवा फायदा कर गई तो डॉक्टर का तमगा और नुकसान कर गई तो मरीज को सरकारी संस्था में भेज देते हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य औसेर में डॉक्टर नहीं और फार्मासिस्ट ही दवाएं बांटते हैं। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अवधेश कुमार ने बताया कि मामले की जांच कराई जाएगी। झोलाछाप दुकानें बंद होगी और लापरवाह डॉक्टरों की कार्रवाई भी होगी।