एक्सप्रेस-वे हादसा : इमरजेंसी में रात फर्श पर व दिन में भूख से सिसकती रही जिदगी
इससे अफरा-तफरी रही। रातभर लोगों की सिसकियां सुनाई देती रही। अपनों के सहारे में कई मरीजों ने फर्श पर रात गुजारी। इमरजेंसी वार्ड में बेड कम पड़ गए। एक बेड पर तीन-तीन मरीज रहे। इधर-उधर मरीज फर्श पर कराहते रहे। सुबह हुई तो पेट की भूख का दर्द बढ़ने लगा। इससे कई मरीज तो बाहर से चाय-नाश्ता खरीद
संवाद सहयोगी, तिर्वा: राजकीय मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में रातभर मरीज फर्श पर चादर बिछा व कंबल ओढ़ कर काटी। दिन होने पर भूख की तड़प शुरू हो गई। एक बेड़ पर तीन-तीन मरीज रहे और मरीजों को पानी व पेट भरने के लिए दो रोटी की भूख रही।
गुरुवार शाम को एक्सप्रेस-वे पर बस पलटने से घायलों की भीड़ इमरजेंसी में अचानक बढ़ गई। इससे मरीजों का इलाज करना और उनको दर्द में राहत होने से पहले वार्ड में भेजना मुश्किल हो गया था। इससे अफरा-तफरी रही। रातभर लोगों की सिसकियां सुनाई देती रही। अपनों के सहारे में कई मरीजों ने फर्श पर रात गुजारी। इमरजेंसी वार्ड में बेड कम पड़ गए। एक बेड पर तीन-तीन मरीज रहे। इधर-उधर मरीज फर्श पर कराहते रहे। सुबह हुई तो पेट की भूख का दर्द बढ़ने लगा। इससे कई मरीज तो बाहर से चाय-नाश्ता खरीद लाए। हालांकि हालातों को देख मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने चाय-बिस्किट बांटे। दोपहर में दाल, सब्जी व रोटी दी। इसके साथ ही सपा नेता अंशुल गुप्ता ने तहरी बांटी। पूर्व ब्लाक प्रमुख नवाब सिंह यादव ने सब्जी व पूड़ी के लंच पैकेट वितरण किए। इससे मरीजों को भूख से राहत मिल गई।
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बच्चों को चुप कराती रहीं नर्स
हादसे में कई बच्चे भी घायल हुए। घायल बच्चों की चीखें सुनकर कई स्टॉफ नर्स व डॉक्टरों के आंखों में आंसू भर आए। इलाज के बाद कुछ नर्स बच्चों को गोद में लेकर चुप कराती हुई नजर आई।
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इलाज में जुटी डॉक्टरों की टीम
घायलों के इलाज में सीएमएस डॉ. दिलीप सिंह, इमरजेंसी प्रभारी डॉ. सादाब, डॉ. नरेंद्र, डॉ. ओवैदुल्ला, डॉ. विकास समेत 18 डॉक्टर व इंटर्नशिप डॉक्टरों लगे रहे। मरीजों का दर्द शांत होने के बाद ही घरों को जा सके।