पहली और दूसरी बारिश में अगेती, तीसरी में पछेती नष्ट
- कृषि विभाग ने आलू में जताई बड़े पैमाने पर बर्बादी की आशंका आकलन में जुटा - सभी ब्लाकों
- कृषि विभाग ने आलू में जताई बड़े पैमाने पर बर्बादी की आशंका, आकलन में जुटा
- सभी ब्लाकों से न्याय पंचायतवार मांगी गई रिपोर्ट, राजस्व भी कर रहा सर्वे
जागरण संवाददाता, कन्नौज : इन दिनों रबी में तीन बार हुई बारिश ने फसलों के साथ किसानों को बर्बाद कर दिया है। सबसे ज्यादा आलू की बेल्ट प्रभावित हुई है। कुछ किसानों ने सितंबर में कच्चे आलू (अगेती) की बोआई की शुरुआत की थी, जो उस समय रेड अलर्ट के दौरान तीन दिन तक लगातार हुई बारिश से बीज सड़ने से फसल बर्बाद हो गई थी। इस कारण अन्य किसान कच्चे आलू की बोआई नहीं कर पाए थे। खेत सूखने के करीब 15 दिन बाद उन्हीं किसानों ने दोबारा लागत से बोआई थी तो शेष किसानों ने भी कच्चे आलू की बोआई थी, जो तीन से चार दिन बाद दूसरी बार हुई बारिश से फसल बर्बाद हो गई थी। इससे कच्चे आलू की फसल एक माह पिछड़ गई थी। मौसम साफ हुआ तो पहली बार जिले में कच्चे व पक्के (पछेती) आलू की अक्टूबर शुरुआत में बोआई की गई थी, जो रविवार से मंगलवार तक तीसरी बार हुई तेज बारिश में बर्बाद हो गई है। आलू के साथ सरसों, धान व अन्य सब्जियों की फसल भी नष्ट हो गई हैं। इस कारण नवंबर में नया आलू नहीं आएगा। आकलन करने में लगे 61 अधिकारी व कर्मी तीन दिन तक हुई बारिश से बर्बाद फसल का आकलन करने के लिए 81 न्याय पंचायतों से कृषि विभाग ने रिपोर्ट मांगी है। जिला कृषि अधिकारी आवेश सिंह ने 11 एडीएओ व 50 कर्मचारी सर्वे के लिए लगाए हैं। बुधवार शाम कृषि भवन में सभी के साथ बैठक की। फसल बीमा कंपनी के प्रतिनिधि भी रहे। सभी को जल्द नुकसान का आंकलन कर रिपोर्ट मांगी है। बताया कि ज्यादा नुकसान हुआ है। आंकलन में दो से तीन दिन लगेंगे। कृषि विभाग, बीमा कंपनी व राजस्व अपनी अलग रिपोर्ट देंगे। कृषि निदेशालय ने रिपोर्ट मांगी है। हजम नहीं हुई बीमा के क्लेम की बात बैठक में बीमा कंपनी ने क्राप कंटिग के आधार पर आलू किसानों को क्लेम देने की बात कही है, लेकिन नियम की बात करें तो क्राप कटिग का लाभ दिसंबर में फसलों का बीमा करने पर ही किसानों को मिलेगा। सितंबर से अब तक बर्बाद आलू की फसल का बीमा बैंकों ने शुरू तक नहीं किया है। ऐसे में किसान दावा तक नहीं कर पाएंगे न ही कंपनी क्लेम देगी। क्राप कटिग का मतलब खोदाई के दौरान उपज कम निकलने पर क्लेम मिलता है, लेकिन उसके लिए किसानों को फिर से बोआई करनी होगी। पीछे जो फसल बर्बाद हो गई वह मान्य नहीं होगी, जबकि क्लेम पूरे रबी सीजन का लिया जाएगा। जिला कृषि अधिकारी ने भी यह बात मानी है। बताया कि 34 हजार किसानों की धान का बीमा हुआ है। उन्हें क्लेम मिलेगा।