कब्जा खाली कराने गए तहसीलदार से दरोगा ने की अभद्रता, ग्रामीणों ने खदेड़ा
संवाद सहयोगी तिर्वा चरागाह की जमीन पर गोशाला निर्माण की जांच करने पहुंचे तहसीलदार से उन
संवाद सहयोगी, तिर्वा: चरागाह की जमीन पर गोशाला निर्माण की जांच करने पहुंचे तहसीलदार से उनके साथ गए दारोगा ने ही अभद्रता की। दोनों में नोकझोंक हुई। दारोगा की सह पर ग्रामीणों ने उपद्रव कर तहसीलदार को खदेड़ दिया। तहसीलदार ने दरोगा के खिलाफ अधिकारियों से शिकायत की है।
कोतवाली क्षेत्र के लिलुइया गांव में चरागाह की नौ बीघा जमीन पर गोशाला का निर्माण चल रहा है। यहां कब्जा किए कुछ लोगों ने निर्माण रुकवाकर धार्मिक स्थल बना दिया और प्रतिमा स्थापित कर दी। महिलाओं ने चूल्हे भी बना दिए। जानकारी पर अधिकारियों ने रविवार जांच करने तहसीलदार अनिल कुमार सरोज और दारोगा जंग बहादुर व कांस्टेबल सतीश को भेजा गया। तहसीलदार ने आदर्श आचार संहिता के नियमों का उल्लंघन करने की बात कही तो कब्जेदार भड़क गए।
दरोगा का सह पाकर हावी हो गए अवैध कब्जेदार
तहसीलदार ने दारोगा को कब्जेदारों को खदेड़ने के निर्देश दिए। इस पर दारोगा ने तहसीलदार की बात न मानकर उल्टा अभद्रता की। इससे दोनों में नोकझोंक हुई। दारोगा ने कहा कि कोई मदद नहीं कर सकते। तहसीलदार ने गैर जिम्मेदारी बात सुनकर दरोगा से कहा कि ऐसे में वह निर्वाचन कैसे कराएंगे। इस पर दारोगा ने तहसीलदार को खरीखोटी सुना दी। इस बीच सह पाकर अवैध कब्जेदार भी हावी हो गए और तहसीलदार को खदेड़ दिया।
तहसीलदार ने बताया कि दारोगा व कांस्टेबल के खिलाफ रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को भेजी है। कोतवाली प्रभारी टीपी वर्मा ने बताया कि ऐसा कोई मामला संज्ञान में नहीं आया है। उपजिलाधिकारी महेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि निर्देश देकर तहसीलदार को भेजा था। इस मामले की गहनता से जांच होगी और अभद्रता की पुष्टि होने पर दारोगा व कांस्टेबल दोनों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।