मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की हड़ताल, हंगामा व नारेबाजी
लामबंद हो गए। कामकाज को छोड़कर अपने-अपने कक्ष से बाहर निकल आए। हंगामा करना शुरू कर दिया। मरीजों को देखने से इन्कार कर दिया। मरीज अपने पर्चे लेकर गेट पर दर्द से तड़पते रहे। डॉक्टरों का हुजूम एकजुट होने के बाद ओपीडी के बाहर बरामदे में धरना देकर बैठ गए। डॉक्टरों ने हाथों में काली पट्टी बांधी और दोपहर दो बजे तक धरना देकर बैठे रहे। मरीज बैरंग लौट गए। डॉक्टरों ने कैंपस में जुलूस निकाला। जमकर नारेबाजी की और हंगामा किया। कुछ डॉक्टरों ने प्रदर्शन
संवाद सहयोगी, तिर्वा: पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के साथ हुई मारपीट की घटना की चिगारी मेडिकल कॉलेज में पहुंच गई। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आवाहन पर मेडिकल कालेज में डॉक्टरों ने हड़ताल कर दी। धरना प्रदर्शन किया और जुलूस निकालकर नारेबाजी की। डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर आवाज उठाई।
सोमवार को राजकीय मेडिकल कालेज की ओपीडी खुली। मरीजों की लाइनें भी लगी। 340 मरीजों ने पंजीकरण भी कराया। कुछ मरीजों को डॉक्टरों ने देखा और चंद मरीजों को दवाएं भी मिली। करीब 10 बजे डॉक्टर लामबंद हो गए। कामकाज को छोड़कर अपने-अपने कक्ष से बाहर निकल आए। हंगामा करना शुरू कर दिया। मरीजों को देखने से इन्कार कर दिया। मरीज अपने पर्चे लेकर गेट पर दर्द से तड़पते रहे। डॉक्टरों का हुजूम एकजुट होने के बाद ओपीडी के बाहर बरामदे में धरना देकर बैठ गए। डॉक्टरों ने हाथों में काली पट्टी बांधी और दोपहर दो बजे तक धरना देकर बैठे रहे। मरीज बैरंग लौट गए। डॉक्टरों ने कैंपस में जुलूस निकाला। जमकर नारेबाजी की और हंगामा किया। कुछ डॉक्टरों ने प्रदर्शन के चलते सिर पर पट्टी बांधकर दर्द को बयां किया। प्रदर्शन में जूनियर, सीनियर डॉक्टरों के साथ में इंटर्नशिप छात्र व एमबीबीएस छात्र-छात्राओं ने भी अपनी ताकत दिखाई। डॉक्टरों ने सुरक्षा की मांग को लेकर आवाज उठाई और बताया कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आवाहन पर हड़ताल की गई और 24 घंटे तक हड़ताल रहेगी। मंगलवार को सुचारू रूप से ओपीडी चलेगी। उन्होंने कहा कि न्याय न मिला तो हड़ताल को उग्र भी बनाया जाएगा। प्रदर्शनकारी छात्रों को समझाने के लिए पहुंचे प्राचार्य डॉ. नवनीत कुमार ने बातचीत की। इसके बाद प्रदर्शन बंद हुआ और डॉक्टर अपने हास्टल की ओर रवाना हो गए।