इमरजेंसी वार्ड में गंदगी, सीएमएस ने लगाई फटकार
फोटो संख्या 02 केएनजे 58 व 59 --------- - सफाई सुपरवाइजर वार्ड व्याय व स्टाफ नर्स को दी च
फोटो संख्या : 02 केएनजे 58 व 59
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- सफाई सुपरवाइजर, वार्ड व्याय व स्टाफ नर्स को दी चेतावनी
- शिकायतें मिलने पर औचक निरीक्षण पर पहुंचे
संवाद सहयोगी, छिबरामऊ: 100 शैय्या अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में अव्यवस्थाओं की शिकायत मिलने पर सीएमएस डा. राजेश कुमार तिवारी औचक निरीक्षण करते पहुंच गए। परिसर में गंदगी देखकर जिम्मेदार कर्मियों को फटकार लगाई। कार्रवाई की चेतावनी भी दी।
शुक्रवार सुबह सीएमएस इमरजेंसी वार्ड में पहुंचे। सबसे पहले प्रथम तल पर बुखार से पीड़ित भर्ती मरीजों के वार्ड की ओर गए। जीने पर ही धूल की परत जमी मिली। इसके अलावा कूड़ेदान गंदे थे। फर्श पर कई जगह कचरा पड़ा था। इज्जतघरों में गंदगी फैली थी। नालियां चोक थी। बदबू उठ रही थी। प्राइवेट वार्ड के कमरों में इज्जतघर के पानी कनेक्शन पाइप आदि खुले पड़े थे। इस तरह की खामियां देखकर
सफाई व्यवस्था देख रहे सुपरवाइजर से नाराजगी जाहिर की। सफाई करवाकर प्रत्येक कक्ष की फोटो भेजने के निर्देश दिए। स्टाफ नर्स को सिरिज कटर से काटने के बाद ही कूड़ेदान में डालने की बात कही। वार्ड ब्वाय को ड्रेसिग रूम व्यवस्थित रखने को निर्देशित किया। सीएमएस डा. राजेश कुमार तिवारी ने बताया कि सफाई व्यवस्था बेहद खराब मिली है। सुपरवाइजर को हिदायत दी गई है। स्टाफ नर्स व वार्ड ब्याय को भी जिम्मेदार से काम करने कहा गया है। स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है। चेतावनी के बाद भी सुधार न होने पर वेतन रोकने की कार्रवाई की जाएगी। निरीक्षण के समय चिकित्साधिकारी डा. अभिषेक कटियार, नेत्र परीक्षण अधिकारी रामेंद्र सिंह व फार्मासिस्ट अर्पित कुमार मौजूद रहे।
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पांच दिन से नहीं बदली गई थी बेडसीट
सीएमएस को वार्ड में भर्ती मरीजों की बेडसीट गंदी मिली। कई के बेड पर चादर नहीं थी। कुछ अपनी चादर घर से लेकर आए थे। वह बिछाए थे। पूछने पर कुछ ने बताया कि उन्हें चादर दी नहीं गई। मांगने पर नीचे से लेकर आने को कहा गया। नीचे गए तो वहां से वापस ऊपर भेज दिया गया। कुछ ने पांच दिन से बेड सीट न बदले जाने की शिकायत की। सीएमएस को कमरे के कोने में गंदी बेड सीट भी पड़ी मिली।
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दो आक्सीजन सिलिडर व दो मानीटर वार्ड में मिले
ऊपर मंजिल पर एक कमरे में भर्ती मरीज के जाने के बाद इस कमरे को बंद कर दिया गया। न तो बेड सीट उठाई गई और न ही साफ-सफाई की गई। दो आक्सीजन सिलिडर व दो मानीटर भी वार्ड में ही रखे थे। बंद कमरों में पंखे भी चल रहे थे।