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ऊंट के मुंह में जीरा साबित होगा ड्राई राशन

जागरण संवाददाता कन्नौज आज से घर-घर बंटने वाला ड्राई राशन लाभार्थियों के लिए ऊंट के

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Nov 2020 06:06 PM (IST)Updated: Sun, 08 Nov 2020 06:06 PM (IST)
ऊंट के मुंह में जीरा साबित होगा ड्राई राशन
ऊंट के मुंह में जीरा साबित होगा ड्राई राशन

जागरण संवाददाता, कन्नौज : आज से घर-घर बंटने वाला ड्राई राशन लाभार्थियों के लिए ऊंट के मुंह में जीरा साबित होगा। सिर्फ तीन माह के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पोषाहार की जगह बच्चे, किशोरी, धात्री व गर्भवती महिलाओं को गेहूं, चावल व दाल बांटी जाएगी, जो स्वयं सहायता समूह की महिलाएं कोटेदारों से लेकर सूखा राशन पैक कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को उपलब्ध कराएंगी। रविवार को इस कार्य का सभी ब्लॉकों पर समूह को प्रशिक्षण दिया गया, लेकिन पूर्ति विभाग 1,72,197 चयनित लाभार्थियों के लिए पर्याप्त राशन उपलब्ध नहीं करा सका। देर शाम तक उठान चलता रहा। हर केंद्र पर सिर्फ 60 फीसद ही राशन उपलब्ध हो सका। इससे अधिकांश जगह पैकिग तक नहीं हुई। डीएसओ कमलेश कुमार ने बताया कि 590 दुकान हैं। कोटेदारों को राशन एनआइसी से ई-चालान के माध्यम से दिया गया। प्रभारी कार्यक्रम अधिकारी नीलम कटियार ने बताया कि सभी सीडीपीओ को एक बार फिर से लाभार्थियों की पड़ताल के निर्देश दिए हैं। -------------------

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न गेहूं न चावल, कहां से आएगी दाल, दूध-घी

दाल खरीद कर देने की जिम्मेदारी समूह को दी गई। इसके लिए समूह के पास बजट नहीं है। राशन का उठान, पैंकिग का खर्च, मेहनताना, किराया-भाड़ा व केंद्र तक पहुंचाने समेत अन्य खर्च व भुगतान किसी तरह की गाइडलाइन नहीं आई है। इस कारण समूह की अधिकांश महिलाएं काम में रुचि नहीं दिखा रही हैं। ऐसे में दाल कहां से बांटी जाएगी। वहीं, घी व दूध भी बांटा जाना है। इसकी तो उपलब्धता व योजना तक नहीं बन रही है।

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इस तरह होगा वितरण:

6 माह से 3 वर्ष : एक किलो चावल, डेढ़ किलो गेहूं, 450 ग्राम घी, 400 ग्राम दूध, 0.75 किग्रा दाल

3 से 6 वर्ष : एक किलो चावल, डेढ़ किलो गेहूं, 400 ग्राम दूध

किशोरी, धात्री, गर्भवती : एक किलो चावल, दो किलो गेहूं, 450 ग्राम घी, 750 ग्राम दूध, 0.75 किग्रा दाल

6 माह से 3 वर्ष तक गंभीर रूप से कुपोषित बच्चे : एक किलो चावल, ढाई किलो गेहूं, 900 ग्राम घी, 750 ग्राम दूध, 0.5 किग्रा दाल

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तीन माह तक ऐसे चलेगा वितरण :

सीडीओ आरएन सिंह ने बताया कि दाल, दूध व घी बांटने की व्यवस्था कर रहे हैं। यह व्यवस्था तीन माह के लिए है। तबतक समूह को फिलहाल किसी तरह की धनराशि नहीं मिलेगी। तीन माह बाद सभी जगह दरिया बनाने की मशीन लगेगी। इससे स्वयं सहायता समूह को आमदनी होगी। इसका भुगतान बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग करेगा।


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