तीन साल बाद दर्ज हुआ कोर्ट के लिपिक की हत्या मुकदमा
जागरण संवाददाता कन्नौज तीन साल पहले मानसिक तनाव में आत्महत्या करने वाले कोर्ट के लिपिक क
जागरण संवाददाता, कन्नौज : तीन साल पहले मानसिक तनाव में आत्महत्या करने वाले कोर्ट के लिपिक की हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। उनके पिता ने तथाकथित पत्नी और उसके प्रेमी समेत तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या और षडयंत्र में शामिल होने का मुकदमा न्यायालय के आदेश पर दर्ज कराया है। अब पुलिस मामले की विवेचना कर रही है।
जनपद उन्नाव के 828 दारोगा बाग सिविल लाइन निवासी राजाराम गौतम पुत्र मथुरीदास ने बताया कि उनका बेटा शशिकांत गौतम मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के यहां 2009 से लिपिक पद पर कार्यरत था। वह सरायमीरा के नई बस्ती आंबेडकर नगर में रामप्रसाद के मकान में किराये पर रहता था। उसके 9/14 बी ब्लाक आवास-विकास सीपरी बाजार झांसी निवासी ऊषा सिंह उर्फ काजल से प्रेम संबंध थे। बाद में उसके दो पुत्र भी हुए। 13 अप्रैल 2018 को ऊषा सिंह ने अपने प्रेमी मोहित व दो-तीन अज्ञात लोगों के साथ मिलकर उनके बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस को उसने आत्महत्या की तहरीर दी थी। उसने दो फायर होने की बात कही थी, जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में एक ही फायर की बात लिखी है। इसके अलावा उसने शशिकांत के नशे में होना बताया था, लेकिन पीएम में अल्कोहल की पुष्टि नहीं हुई। उन्होंने बताया कि ऊषा सिंह की हरकतों से शशिकांत भी परेशान रहता था और उसने अपने बड़े भाई रविकांत को उसकी करतूतों के बारे में बताया था। उसके खिलाफ झांसी के सीपरी बाजार थाने में देह व्यापार का मुकदमा भी दर्ज है। इस संबंध में प्रभारी निरीक्षक विकास राय ने बताया कि मामला तीन साल पुराना है। कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है, विवेचना कर आरोपितों को गिरफ्तार किया जाएगा।