एनआरसी वार्ड में बेड कम, बच्चे अधिक
जागरण संवाददाता, कन्नौज : अतिकुपोषित बच्चों के इलाज के लिए बनाया गया एनआरसी (न्यूट्रीशन एंड ि
जागरण संवाददाता, कन्नौज : अतिकुपोषित बच्चों के इलाज के लिए बनाया गया एनआरसी (न्यूट्रीशन एंड रिहैब्लीटेशन केयर) वार्ड अव्यवस्था का शिकार है। कारण यहां केवल दस कुपोषित बच्चे भर्ती करने की व्यवस्था है, जबकि हर माह भर्ती होने वाले कुपोषित बच्चों की तादाद अधिक रहती है। वार्ड से डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ भी अक्सर नदारद रहता है।
जिला अस्पताल के एनआरसी वार्ड में अतिकुपोषित बच्चों को भर्ती करने के लिए दस बेड की व्यवस्था है। इस माह 11 बच्चे भर्ती किए गए हैं, जबकि पिछले माह भर्ती होने वाले बच्चों की संख्या 19 थी। कभी कभार तो बीस बच्चे भी आ जाते हैं, जिस पर एक बेड पर दो बच्चे शिफ्ट करने पड़ते हैं। सदर ब्लाक के ग्राम सठियापुर निवासी किरन पत्नी कमलेश ने बताया कि उनका बेटा गगन और बेटी सावित्री कुपोषण का शिकार हैं। पिछले 16 दिन से वह वार्ड में हैं। यहां रात को अक्सर स्टाफ गायब हो जाता है, जिससे तीमारदारों को परेशानी होती है। खाली रहती स्टाफ नर्स की कुर्सी
एनआरसी वार्ड में रविवार को स्टाफ नर्स और डॉक्टर की कुर्सी खाली पड़ी थी। जानकारी करने पर पता चला कि ड्यूटी पर मौजूद स्टाफ नर्स सरिता ¨सह किसी दूसरे वार्ड में बैठीं हैं और डॉक्टर विजिट के बाद कहीं चले गए हैं। तीमारदारों का कहना है कि यहां रोजाना यही हाल रहता है। एनआरसी और एसएनसीयू वार्ड में 24 घंटे स्टाफ की तैनाती के निर्देश हैं और रात व दिन में औचक निरीक्षण भी किया जाता है। जो नर्सें ड्यूटी पर मौजूद नहीं मिलतीं हैं, उन पर कार्रवाई भी की जा रही है।
- डॉ.राजेंद्र प्रसाद शाक्य, सीएमएस