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सावधान : बायो कचरा से मेडिकल कालेज बीमार!

संवाद सहयोगी, तिर्वा : राजकीय मेडिकल कालेज में मरीजों को दवा कम, दुआ की जरुरत ज्यादा पड़

By JagranEdited By: Published: Sun, 02 Sep 2018 07:19 PM (IST)Updated: Sun, 02 Sep 2018 07:19 PM (IST)
सावधान : बायो कचरा से मेडिकल कालेज बीमार!
सावधान : बायो कचरा से मेडिकल कालेज बीमार!

संवाद सहयोगी, तिर्वा : राजकीय मेडिकल कालेज में मरीजों को दवा कम, दुआ की जरुरत ज्यादा पड़ रही। कारण, यहां पर बायो कचरा का निस्तारण नहीं हो पा रहा और जनरल वार्ड के बाहर बगीचा में कचरे के ढेर लगे हैं। इससे वार्डो में आना-जाना मरीजों व तीमारदारों के लिए दुश्वार हो गया है।

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राजकीय मेडिकल कालेज में करोड़ों की लागत से बायो कचरा को नष्ट करने के लिए इंसूलेटर (कूड़ा संयंत्र) लगा है, लेकिन नौ बीतने के बाद भी चालू नहीं हो सका। सफाई कर्मी रोजाना इमरजेंसी का बायो कचरा पोस्टमार्टम हाउस के पीछे पालीथिन में भरकर ढेर लगा देते और ओपीडी व जनरल वार्डो का कचरा गार्डेन में फेंक दिया जाता। आवारा जानवर कचरा को बिखेर देते और पूरे बाग में कचरा हवा में उड़कर बिखर जाता है। बता दें कि जनरल वार्डो में भर्ती मरीजों के तीमारदार इसी बाग में बायो कचरा के आसपास बैठकर खाना खाते-पीते और गर्मी होने पर पेड़ की छाया में नींद पूरी करते हैं। काफी दिनों तक कचरा नहीं उठाया जाता, इससे दुर्गध उड़ती है। वार्डो में आने-जाने वाले लोगों को मुंह ढक कर निकलना पड़ता है। इससे यहां पर मरीजों को संक्रामक रोग होने की आशंका बनी रहती है। मरीजों को ठीक कराने आने वाले तीमारदार खुद ही बीमार पड़ जाते हैं।

क्या कहते हैं जिम्मेदार

बायो-कचरा संयंत्र कुछ कमियों के कारण बंद है। बायो-कचरा को खुले में नहीं फेंका जाना चाहिए। इसकी जांच कराई जाएगी और लापरवाही मिलने पर कर्मचारियों पर कार्रवाई होगी।-डॉ. दिलीप ¨सह, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, राजकीय मेडिकल कालेज


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