खतरे में जान का सुबूत देने पर ही शस्त्र लाइसेंस
जागरण संवाददाता, कन्नौज : जान को खतरा है, सिर्फ यह कह देने मात्र से अब शस्त्र लाइसेंस नहीं मि
जागरण संवाददाता, कन्नौज : जान को खतरा है, सिर्फ यह कह देने मात्र से अब शस्त्र लाइसेंस नहीं मिलेगा। आपकी जान को वाकई खतरा है, इस बात का सुबूत भी देना होगा। आवेदन पत्र के साथ सुबूत के तौर पर एफआइआर की कॉपी व चार्जशीट की प्रति भी लगानी होगी।
कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने शस्त्र लाइसेंस जारी करने पर लगी रोक को हटा दिया है। साथ ही नए प्राविधानों के साथ लाइसेंस जारी करने की गाइड लाइन भी जारी कर दी। इसके तहत अपराध पीड़ित व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाएगी। अगर आवेदक अपनी जान का खतरा बताते हुए शस्त्र लाइसेंस मांगता है तो उसे सुबूत देना होगा। उसे आवेदन पत्र के साथ मामले में दर्ज कराई गई एफआइआर की प्रति लगानी होगी। अगर पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है तो उसकी प्रति भी लगानी होगी। इसके आधार पर ही लाइसेंस देने में प्राथमिकता दी जाएगी।
इसके अलावा आवेदक को हैसियत प्रमाणपत्र व तीन साल के आयकर रिटर्न की कॉपी भी देनी होगी। वहीं, व्यापारियों को आवेदन पत्र के साथ जीएसटी रजिस्ट्रेशन की प्रति लगानी होगी। जिले में अब तक करीब 800-1000 लोग शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन कर चुके हैं।
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यह प्रमाणपत्र भी जरूरी
- मूल निवास प्रमाण पत्र
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- प्रारूप एस-3 पर स्वास्थ्य प्रमाण पत्र
- फायरिंग सर्टिफिकेट
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शस्त्र लाइसेंस बनवाने में अपराध पीड़ित व्यक्ति को प्राथमिकता दी गई। ऐसे आवेदकों को आवेदन पत्र के साथ एफआइआर की कॉपी सलंग्न करनी होगी।
- रवींद्र कुमार, डीएम