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एंबुलेंस सेवा की हड़ताल, मरीज हुए बेहाल

जागरण टीम कन्नौज जीवनदायिनी स्वास्थ्य विभाग 108 102 एंबुलेंस कर्मचारी संघ के आह्वान पर जिले

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 07:27 PM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 07:27 PM (IST)
एंबुलेंस सेवा की हड़ताल, मरीज हुए बेहाल
एंबुलेंस सेवा की हड़ताल, मरीज हुए बेहाल

जागरण टीम, कन्नौज : जीवनदायिनी स्वास्थ्य विभाग 108, 102 एंबुलेंस कर्मचारी संघ के आह्वान पर जिले में एंबुलेंस कर्मियों की सामूहिक हड़ताल रही, जिससे मरीज बेहाल हो गए। लोगों को प्राइवेट वाहनों का सहारा लेना पड़ा। जिले में केवल तीन एंबुलेंस दौड़तीं रहीं, जबकि अन्य सभी गाड़ियां राजकीय मेडिकल कालेज में खड़ी रहीं। एंबुलेंस कर्मियों ने बताया कि यदि सरकार ने उनकी मांगें न मानी तो पूरे प्रदेश में एक साथ चक्का जाम किया जाएगा।

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सोमवार को एंबुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाओं पर भी असर पड़ा। कॉल करने के बाद भी लोगों को जब एंबुलेंस सुविधा नहीं मिली तो उन्हें निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ा। दिन भर मरीज परेशान रहे। जिले में केवल तीन गाड़ियां प्रत्येक तहसील क्षेत्र में लगाई गई थीं। इसका भी लाभ लोगों को नहीं मिल सका। संघ के महामंत्री शिवमोहन सिंह ने बताया कि सभी कर्मचारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में समायोजित करने की सरकार से मांग कर रहे हैं। नई भर्ती के बाद भी पुराने कर्मचारियों को बाहर न निकाला जाए। प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर हड़ताल की गई थी। ई-रिक्शा से इमरजेंसी पहुंचे मरीज

तिर्वा : सोमवार को राजकीय मेडिकल कालेज में एंबुलेंस कर्मियों ने हड़ताल कर धरना प्रदर्शन किया था। इससे मरीजों को काफी दिक्कतें हुई। एक्सीडेंट होने पर मरीजों को टेंपो से अस्पताल तक जाना पड़ा। जहर, फांसी व मारपीट में चोटिल होने वाले मरीजों को स्वजन अपने निजी वाहनों से लेकर पहुंचे। बीमार लोगों को ई-रिक्शा पर बैठाकर इलाज के लिए इमरजेंसी पहुंचे। ठठिया के रामनगर बस्ता गांव निवासी राजवती पत्नी रामसेवक ने बताया कि आधी रात को तबीयत बिगड़ गई थी। सीने में तेज दर्द हुआ। तड़के एंबुलेंस बुलाने के लिए 108 नंबर पर कॉल की। तीन बार कॉल की और घंटों इंतजार भी करते रहे। 11 बजे तक कोई सहारा नहीं मिला तो बहन ऊषा देवी को बुलाया। उसने ई-रिक्शा को किराए पर किया। उसी से मेडिकल कालेज की इमरजेंसी तक पहुंचे सके हैं। वहीं सड़क हादसे में अलग-अलग जगहों पर घायल हुए लोगों को इमरजेंसी से कानपुर व लखनऊ रेफर किया गया। तीमारदारों ने एंबुलेंस को बुलाने के लिए कई बार फोन किए, लेकिन एंबुलेंस नहीं आई। इससे मजबूर होकर प्राइवेट एंबुलेंस की। चालक ने कानपुर के लिए तीन हजार व लखनऊ के लिए 4500 रुपये वसूल किए। ---------- एक एंबुलेंस ने दिया सहारा छिबरामऊ: प्रेमपुर क्षेत्र से 80 वर्षीय वृद्ध रामकिशोर को ई-रिक्शा से लेकर स्वजन अस्पताल पहुंचे। इसी प्रकार ताजपुर रोड निवासी जितेंद्र कुमार को सांस लेने में समस्या होने पर स्वजन ई-रिक्शा से लेकर पहुंचे। गांव कुंवरपुर करनौली के पास सड़क दुर्घटना में घायल शिवकुमार व अमन को भी ई-रिक्शा से अस्पताल पहुंचाया गया। इमरजेंसी में मरीजों को ले जाने के लिए 108 की एक एंबुलेंस संचालित होती रही।


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