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मुगल गार्डन का नाम बदले जाने पर बिफरे अखिलेश यादव, बोले- हो सकता है कि हमारा नाम भी अमृत कर दिया जाए

रविवार को कन्नौज में समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि ये भी हो सकता है कि हमारा नाम भी अमृत कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग किसी को भी स्वीकार नहीं कर सकते हैं।

By Jagran NewsEdited By: Nitesh SrivastavaPublished: Sun, 29 Jan 2023 04:13 PM (IST)Updated: Sun, 29 Jan 2023 04:13 PM (IST)
मुगल गार्डन का नाम बदले जाने पर बिफरे अखिलेश यादव, बोले- हो सकता है कि हमारा नाम भी अमृत कर दिया जाए
अखिलेश यादव ने मुगल गार्डन का नाम बदलने को लेकर बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। जागरण

 ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली: राष्ट्रपति भवन में मौजूद मुगल गार्डन का नाम बदलकर अब अमृत उद्यान हो गया है। अमृत महोत्सव के तहत इसका नाम बदला गया है। ऐसे में अब इस पर राजनीतिक तापमान भी बढ़ गया है। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने इस पर आपत्ति दर्ज जताई है। रविवार को कन्नौज में समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि ये भी हो सकता है कि हमारा नाम भी अमृत कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग किसी को भी स्वीकार नहीं कर सकते हैं।

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सपा सुप्रीमों ने सख्त लहजे में कहा कि क्या अब भाजपा के लोग तय करेंगे कि किसे क्या करना है। मुगल गार्डन का नाम भाजपा तय करेगी? उन्होंने कहा कि भाजपा को शर्म आनी चाहिए कि वो अपना काम नहीं कर पा रही है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मुगल गार्डन में कई तरह के खूबसूरत फूलों को एक साथ देखा जा सकता है। हर साल वसंत के मौसम में यह आम जनता के लिए खोला जाता है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 29 जनवरी को उद्यान उत्सव की शुरुआत करेंगी। आम लोगों इस खूबसूरत उद्यान का दीदार 31 जनवरी से कर पाएंगे। वैसे आप 26 मार्च तक कभी भी यहां आने का प्लान बना सकते हैं।

आम जनता के लिए पहली बार भारत देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने इस उद्यान को खुलवाया था। यहां ब्रिटिश और मुगल दोनों तरह के गार्डन की झलक देखने को मिलती है। राष्ट्रपति भवन का निर्माण करने वाले आर्किटेक्ट एडविन लुटियंस ने इसे बनाया था।

राष्ट्रपति भवन के अंदर मौजूद अमृत उद्यान पूरे 15 एकड़ में फैला हुआ है, जिसमें 10 से ज्यादा बगीचे हैं। जिनमें गुलाब के अलावा और भी कई तरह के खूबसूरत फूल, सेंट्रल लॉन एंड लॉग, सर्कुलर, स्पिरिचवल, हर्बल (33 औषधीय पौधे), बोन्साई (ढाई सौ प्लांट), कैक्ट्स (80 वेरायटी) व नक्षत्र गार्डन (27 वैरायटी) शामिल हैं। इतना ही नहीं इसके अलावा तकरीबन 160 तरह के 5 हजार पेड़ भी मौजूद हैं।


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