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80 अफसर-कर्मचारियों के 7.24 करोड़ डूबे

ल) में निवेश कर दिया। कर्मचारियों और अफसरों की माने तो उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई और न ही उनसे कोई राय ली गई। गलत तरीके से उनका पैसा कंपनी में निवेश कर दिया गया है। अब उनका पैसा डूबने के आसार हैं। अधिशासी अभियंता (कन्नौज) शादाब अहमद व अधिशासी अभियंता (छिबरामऊ) रवींद्र कुमार का करीब 6-6 लाख रुपये भी चले गए। इसी तरह जेई लिपिक व नियमित लाइन स्टाफ का पैसा भी चला गया। सभी कर्मचारी अपना रुपया खाते में मांग रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Nov 2019 11:11 PM (IST)Updated: Fri, 08 Nov 2019 06:32 AM (IST)
80 अफसर-कर्मचारियों के 7.24 करोड़ डूबे
80 अफसर-कर्मचारियों के 7.24 करोड़ डूबे

प्रशांत कुमार, कन्नौज : उप्र पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) में हुए पीएफ घोटाले में कन्नौज के अफसरों और कर्मचारियों की भी मेहनत की कमाई का हिस्सा गया है। दीवान हाउसिग फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड (डीएचएफएल) में करीब 2682 करोड़ रुपये निवेश किए गए थे। इसमें जिले के 80 कर्मचारियों के 7.24 करोड़ रुपये शामिल हैं। अफसरों व कर्मचारियों ने रुपये खाते में भेजने की मांग की है।

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जिले में दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के दो डिवीजन हैं। कन्नौज डिवीजन में 42 तो छिबरामऊ में 38 अफसर-कर्मचारी कार्यरत हैं। वर्ष 2017 के बाद सभी कर्मचारियों का जीपीएफ (ग्रेच्युटी प्रॉविडेंट फंड) व सीपीएफ (सेंट्रल प्रॉविडेंट फंड) का करीब 7.24 करोड़ रुपये डीएचएफएल में निवेश कर दिया गया। कर्मचारियों और अफसरों की मानें तो उन्हें इस संबंध में जानकारी नहीं दी गई और न ही राय ली गई। गलत तरह से उनका पैसा कंपनी में निवेश किया गया है। अधिशासी अभियंता शादाब अहमद व रवींद्र कुमार के करीब 6-6 लाख रुपये घोटाले की भेंट चढ़ गए। इसी तरह जेई, लिपिक व स्टाफ का पैसा भी चला गया।

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कर्मचारियों में आक्रोश

राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन उप्र की केंद्रीय कार्यकारिणी के आदेश पर कर्मचारियों ने कन्नौज डिवीजन कार्यालय मकरंद नगर में बैठक कर रुपये खातों में भेजने की मांग की। कहा, अगर पैसा जल्द उनके खाते में नहीं आया तो प्रदर्शन करने को विवश होंगे।

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सरकार से हमारी मांग है कि जो पैसा निवेश किया गया है उसे खाते में भेजा जाए। ऐसा न होने पर आंदोलन किया जाएगा।

-शादाब अहमद, अधिशासी अभियंता


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