मानसिक कसरत की कमी से अल्जाइमर के देशभर में 40 लाख मरीज
-अल्जाइमर दिवस पर प्राचार्य ने जूनियर व एमबीबीएस छात्रों को दी जानकारी -भूलना बड़ी बीमारी नह
-अल्जाइमर दिवस पर प्राचार्य ने जूनियर व एमबीबीएस छात्रों को दी जानकारी
-भूलना बड़ी बीमारी नहीं, दिमागी कार्य क्षमता कम होना है अल्जाइमर
संवाद सहयोगी, तिर्वा : मानसिक कसरत न करने वालों को अल्जाइमर की शिकायत जल्द हो जाती है। देशभर में 40 लाख मरीज हो चुके हैं। इससे बचने के लिए लोगों को सुबह-शाम दिमागी का इस्तेमाल नई-नई बातों व खोज में करना होगा।
राजकीय मेडिकल कालेज में मंगलवार को अल्जाइमर दिवस मनाया गया। इसमें प्राचार्य न्यूरोलाजिस्ट डा. नवनीत कुमार ने एमबीबीएस छात्र, जूनियर व सीनियर डाक्टरों को अल्जाइमर का पाठ पढ़ाया। उन्होंने बताया कि अल्जाइमर बीमार 55 से 60 वर्ष की उम्र के बाद होती है। इसमें लोगों में भूलने के अलावा दिमागी कार्यक्षमता भी कम हो जाती है। देशभर में 40 लाख व विश्व में ढ़ाई करोड़ से ज्यादा मरीज हैं। समय से इलाज हो तो मरीज में रिकवरी हो जाती है। इसके लिए लोगों को हर वक्त दिमागी कसरत करने की जरूरत है, जो लोग दूसरों से मिलना पसंद नहीं करते, कम बोलते व सामाजिक कार्य नहीं करते। उनको यह समस्या जल्दी होती है। इसके शिकार अब युवा भी हो रहे हैं। इसके लिए लोगों को हर वक्त नई-नई बातों पर चर्चा करनी चाहिए। समस्या निपटाने के तरीके निकालने चाहिए। दिमागी कसरत होने पर ही अल्जाइमर से राहत मिल सकती है।
ये हैं मुख्य कारण
-सिर पर गहरी चोट लगना
-परिवार में कोई अल्जाइमर पीड़ित
-55 व 60 वर्ष से अधिक उम्र
-सामाजिक कम व घर में अधिक रहना
मरीज में यह होते हैं लक्षण
-छोटी-छोटी बातों को जल्दी भूल जाना
-लोगों का नाम, चेहरा व रास्ता भूलना
-सोचने व समझने की क्षमता कम होना
-गुस्सा, चिढ़ना, कम नींद, डिप्रेशन
खान-पान में यह रखें ध्यान
-बादाम, अखरोट व सिरका फायदेमंद
-हंसना, खेलना व दूसरों से मिलकर रहना
-दिमाग पर ज्यादा जोर देकर काम करना
-शराब, सिगरेट, ड्रग्स सबसे ज्यादा खतरनाक