सांप्रदायिक विवाद में गिरफ्तारी न करने पर इंस्पेक्टर तलब
अमरोहा। गांव पतेई खालसा में हुए सांप्रदायिक विवाद में नामजद 42 आरोपियों की गिरफ्तारी छह साल बाद भी न होने पर अदालत ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। एसीजेएम सुभाष सिंह ने एसपी को पत्र लिख कर आरोपियों की गिरफ्तारी करने का आदेश दिया है तो लापरवाही बरतने पर प्रभारी निरीक्षक डिडौली को तलब किया है।
काबिलेगौर है कि छह साल पहले वर्ष 2007 में डिडौली कोतवाली क्षेत्र के गांव पतेई खालसा में मोहर्रम के दौरान ताजिये का जुलूस निकालने को लेकर सांप्रदायिक विवाद हो गया था। तीन दिन गांव में कफर््यू जैसे हालात बने रहे थे। इस मामले में दोनों संप्रदाय के 168 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में 126 आरोपियों ने या तो अदालत में समर्पण कर दिया था या फिर उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन छह साल के भीतर डिडौली पुलिस 42 आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी हो चुका है। यह मुकदमा एसीजेएम सुभाष सिंह की अदालत में चल रहा है। मंगलवार को सुनवाई के दौरान अदालत ने इस मामले को गंभीरता से लिया तथा कड़ा रुख अख्तियार किया। अदालत ने सभी 42 आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर एसपी को पत्र लिख कर उनकी गिरफ्तारी न होने का कारण पूछा है तथा आरोपियों की गिरफ्तारी का आदेश दिया है। इसके अलावा अदालत ने डिडौली के प्रभारी निरीक्षक को भी 13 जनवरी को तलब किया है।
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