पहले जमीन दिखाओ, फिर स्कूल खोलो
अमरोहा। गांव में जमीन उपलब्धता का प्रमाण पत्र मिलने के बाद ही पाठशाला को मंजूरी मिलेगी। तभी शासन स्तर से निर्माण हेतु धनराशि जारी की जायेगी। यह नया फरमान सर्वशिक्षा अभियान के तहत जारी किया गया है।
बता दें कि अभी तक बेसिक शिक्षा विभाग में यह होता था कि सिर्फ गांव चिन्हित कर स्कूल निर्माण का प्रस्ताव भेज दिया जाता था। अफसरों द्वारा इस बात की तस्दीक नहीं की जाती थी कि संबंधित गांव में परिषदीय स्कूल निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध है या नहीं। प्रस्ताव पहुंचने पर सर्वशिक्षा अभियान के तहत स्कूल निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती थी। लेकिन जब निर्माण की मुहिम शुरू होती थी तो जमीन नहीं मिलती थी। ऐसी स्थिति में धनराशि विभाग को सरेंडर करनी पड़ती थी। सूबे में यह स्थिति कई जनपदों में है। इसके चलते पिछली साल अमरोहा को नये स्कूल निर्माण का लक्ष्य नहीं मिला था। चूंकि कई स्कूलों के लिए जमीन नहीं मिल पायी थी। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, क्योंकि शासन ने इसमें नई व्यवस्था लागू कर दी है। इसके तहत संबंधित ब्लाक क्षेत्र के खंड शिक्षा अधिकारी को स्कूल निर्माण का प्रस्ताव भेजने से पहले जमीन उपलब्धता प्रमाण पत्र देना होगा। उसके बाद ही पाठशाला निर्माण की राह आसान होगी। इस बाबत शासन की ओर से सभी जनपदों को आदेश जारी कर दिया गया है।
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-इस संबंध में शासन की ओर से आदेश प्राप्त हुआ है। खंड शिक्षा अधिकारियों को जमीन उपलब्धता के प्रमाण पत्र देने होंगे।
-उमेश कुमार श्रीवास्तव, सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी, सर्वशिक्षा अभियान, अमरोहा।
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