नादानों के हाथ में राशन कार्ड की डोर
अमरोहा। नए राशन कार्ड के जांच-पत्रों के सत्यापन में जमकर खेल हो रहा है। राशन डीलर लापरवाही कर रहे हैं। यहां तक कि जांच-पत्रों के सत्यापन के दौरान महत्वपूर्ण बिंदु ही छोड़े जा रहे हैं। लिहाजा सत्यापन के बाद भी ऐसे ऐसे फार्मो की फीडिंग नहीं हो पा रही है। खामियों ने आपूर्ति विभाग की दिक्कतों को और बढ़ा दिया है।
जांच-पत्रों की फीडिंग के लिए शासन ने आपूर्ति विभाग को पंद्रह जनवरी तक का अल्टीमेटम दिया गया है। लिहाजा कर्मचारियों के फीडिंग में पूरी तरह से फेल हो जाने के बाद विभाग ने निजी वेंडर्स को फीडिंग का काम सौंपा है। जिसके बाद फीडिंग के काम में तेजी जरुर आई है, मगर जांच-पत्रों की खामियों ने निजी बेंडर्स और विभाग दोनों की ही दिक्कतों को बढ़ा दिया है। चूंकि जांच-पत्रों के सत्यापन की जिम्मेदारी राशन डीलरों को सौंपी गई थी। जब वह वितरण ही ठीक से नहीं कर पाते तो जांच पत्रों का सत्यापन कैसे ठीक से कर पाएंगे।
डीलरों ने भी जांच पत्रों के सत्यापन का काम निजी लोगों को सौंप दिया गया। उन्होंने भी खूब मनमानी की। विभाग के मानकों का बिल्कुल भी ख्याल नहीं रखा। कौराल गांव में भी ऐसा ही मामला जिलाधिकारी भवनाथ को मिला तो उन्होंने संबंधित के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराए जाने के निर्देश तक जारी कर दिए। मसलन जिन जरुरी जानकारियों को सत्यापन के दौरान जांच पत्र में भरा जाना था वह नहीं भरे गए। इधर जब निजी बेंडर के पास जांच पत्र पहुंच रहे है तो आवश्यक सूचनाओं के अभाव में उनकी फीडिंग नहीं हो पा रही। मसलन अधिकांश फार्मो से फोटो पहचान पत्र संख्या, बैंक एकाउंट नंबर, आईएफएससी कोड, बैंक का नाम, मोबाइल नंबर, माता का नाम व जन्म तिथि जैसी महत्वपूर्ण चीजें गायब हैं। अधूरे फार्मो ने विभाग की सरदर्दी को और बढ़ा दिया है। इस वजह से नए राशन कार्ड जारी होने में और देरी होगी।
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जांच-पत्रों के सत्यापन के दौरान राशन डीलरों द्वारा महत्वपूर्ण बिंदुओं को छोड़ दिया गया है, लिहाजा आवश्यक जानकारियां फार्म में दर्ज न होने की वजह से उनकी फीडिंग संभव नहीं हो पा रही है। इसलिए ऐसे फार्मो को चिन्हित कर राशन डीलरों को वापस किए जा रहे हैं।
-पूरन लाल, जिला पूर्ति अधिकारी।
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