Move to Jagran APP

झोलाछापों को बचा रहे सफेदपोश

By Edited By: Published: Sun, 05 Jan 2014 10:57 PM (IST)Updated: Sun, 05 Jan 2014 10:57 PM (IST)
झोलाछापों को बचा रहे सफेदपोश

अमरोहा। नेतागिरी के फेर में झोलाछापों पर शिकंजा कसने की कार्रवाई अंजाम तक नहीं पहुंच पा रही है। क्लीनिक पर पहुंचते ही अफसर के मोबाइल पर फोन आ जाता है। फला आदमी मेरा है, कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। यही वजह है कि अफसर चाह कर भी कार्रवाई नहीं कर पाते हैं। सिर्फ नोटिस जारी हो जाते हैं, पर कार्रवाई नहीं हो पाती।

loksabha election banner

झोलाछाप मरीजों की जान से खेल रहे हैं। उनके गलत उपचार से कई लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन इन पर शिकंजा कसने की कार्रवाई शून्य है। अमूमन विभाग कार्रवाई तभी करता है जब झोलाछाप के हाथों किसी की जान चली जाती है। शुक्रवार को गजरौला में प्रसव उपरांत हुई महिला की मौत इसका ताजा उदाहरण है। बताया जाता है कि यह हादसा दाई के घर में हुआ था। यह बात दीगर है कि मृतका के परिजनों ने इस प्रकरण में किसी भी प्रकार की कार्रवाई किए जाने से इंकार कर दिया। पूर्व में इस तरह की कई घटनाएं हो चुकी हैं। सूत्र बताते हैं कि झोलाछापों पर अंकुश न लग पाने की पीछे सफेदपोश जिम्मेदार हैं। नाम न छापने की शर्त पर विभाग के एक आला अफसर ने बताया कि जब छापामारी को टीम संबंधित झोलाछाप के क्लीनिक पर पहुंचती है तो नेता जी का फोन आ जाता है। लिहाजा, अफसर दबाव में आकर कार्रवाई नहीं करते हैं। टीम बैरंग लौट जाती है। पिछले दिनों शहर में जब अभियान चला था तो ऐसा हुआ था। टीम के हाथ एक भी झोलाछाप नहीं लगा था। जबकि नगर क्षेत्र में ही दर्जनों झोलाछाप खुलेआम दवा की दुकान चला रहे हैं। नेतागिरी के चलते अफसर यह बात खुलकर नहीं कह सकते हैं। चूंकि वह कुर्सी बचाने में रहते हैं।

---------------

दो सौ के खिलाफ हुई कार्रवाई

- स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का दावा है कि पिछले सात आठ महीनों में दो सौ झोलाछापों के खिलाफ कार्रवाई हुई है। इनमें से अधिकांश के खिलाफ कोर्ट में अभियोग दर्ज कराया गया है। लेकिन सच्चाई ये है कि कार्रवाई के नाम पर सिर्फ और सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है।

------------

क्या है कार्रवाई का प्रावधान?

-मेडिकल एक्ट 1956 के तहत झोलाछापों पर सजा और जुर्माने का प्रावधान है। इस मामले में कितने मामले कोर्ट में लंबित हैं इसकी जानकारी विभाग के पास नहीं है। वहीं विभाग के पास ऐसी कोई सूचना नहीं कि जिले में कितने झोलाछाप सक्रिय हैं।

------------

क्या करेंगे कार्रवाई?

जो अफसर नेताओं के सहारे कुर्सी पाते हैं, वह भला कैसे उनकी बात को टाल सकते हैं। जी हां, सेहत विभाग में कई अफसर ऐसे हैं जो नेताओं की जी हुजूरी करते हैं। उन्हीं के कहने पर उन्हें बड़ी जिम्मेदारी व कुर्सी मिली है। झोलाछापों पर कार्रवाई न होने की पीछे यह भी एक बड़ा कारण है।

------------

समय समय पर झोलाछापों पर कार्रवाई के लिए अभियान चलाया जाता है। पकड़ में आने वाले के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट अथवा कोर्ट में अभियोग दर्ज कराया जाता है।

-डा. इदरीश, नोडल अधिकारी, पीएनडीटी एक्ट, अमरोहा।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.