ब्लैक मनी को वाइट करने के खेल में फंसा बिहार का युवक, लखनऊ से अपहरण कर लाए झांसी; 4 दिन तक दी यातनाएं
Jhansi News बिहार निवासी दीपक शांडिल्य ने झांसी पुलिस को सूचना दी कि उसका भांजा आशीष पाठक लखनऊ जाने की कहकर घर से निकला था लेकिन अभी तक वापस नहीं आया। झांसी पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर सर्विलांस टीम के साथ दो घंटे में अपहृत आशीष को मुक्त कराया।
UP News: झांसी, जेएनएन। ब्लैक मनी को वाइट करने के खेल ने एक बड़े आपराधिक षड्यंत्र की पटकथा लिख दी गई। युवक ने एनजीओ संचालक को एक कंपनी से 10 करोड़ की फंडिंग कराने का झांसा देकर 4 लाख रुपये ठग लिए। जब रुपये वापस नहीं मिले तो एनजीओ संचालक ने अपने साथियों के साथ झांसा देने वाले युवक को बंधक बना लिया और उसको यातनाएं देते हुए रुपये वापस मंगवाने का दवाब डाला। युवक के अपहरण की खबर मिलते ही सक्रिय हुई थाना पूंछ पुलिस ने दो घंटे में युवक को अपहर्ताओ के चंगुल से मुक्त कराने के साथ ही तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि तीन फरार हो गए।
बिहार से झांसी पुलिस को आया फोन
घटना का खुलासा करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश एस. ने बताया कि बिहार के जिला भोजपुर, थाना आरामुफसिल के बभनौली निवासी दीपक शांडिल्य ने झांसी के थाना पूंछ पुलिस को सूचना दी कि उसका भांजा आशीष पाठक 19 अक्टूबर को लखनऊ जाने की कहकर घर से निकला था, लेकिन अभी तक वापस नहीं आया। 25 अक्टूबर को उसके पास आशीष का फोन आया कि डॉ. विक्रम सक्सेना और उनके कुछ साथियों ने उसका लखनऊ से अपहरण कर लिया और झांसी के थाना पूंछ क्षेत्र के किसी गांव में बंधक बनाकर रखे हुए हैं। वह पैसे की मांग कर रहे हैं और मारपीट कर रहे हैं।
दो घंटे में अपहृत को कराया मुक्त
झांसी पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर सर्विलांस टीम के साथ दो घंटे में अपहृत आशीष को कानपुर हाईवे किनारे स्थित सुलेमान के फार्म हाउस से मुक्त करते हुए आरोपी पूंछ के ग्राम काशीपुरा निवासी अनुराग यादव, तालाब मोहल्ला निवासी सुलेमान व नंदनपुरा, आवास विकास कालोनी निवासी डॉ. विक्रम सक्सेना को गिरफ्तार कर उस कार को भी बरामद कर लिया, जिससे आशीष का अपहरण कर पूंछ लाया गया था। तीन आरोपी कोतवाली क्षेत्र के पठौरिया निवासी विनोद कोरियन, राजपूत कालोनी शिवाजी नगर रामजी यादव, मोठ मस्जिद के पास निवासी आशू यादव फरार हो गए।
ऐसे फैलाया फंसाने के लिए जाल
आरोपी डॉ. विक्रम सक्सेना झांसी के एक स्कूल में प्रधानाचार्य है। वह स्किल फीड फाउंडेशन के नाम से एनजीओ भी चलाता है। विक्रम की अपने साथी विनोद कोरियन के माध्यम से अपहृत आशीष पाठक से बात हुई, जिस पर आशीष ने उनको बताया कि एक कंपनी काला धन को सफेद करने के लिए 10 करोड़ की फंडिंग एनजीओ में करना चाह रही है, जिसकी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए 4 लाख रुपये जमा करना होंगे। लखनऊ में बुलाकर रुपये जमा करने के लिए शुभम गर्ग नाम के व्यक्ति का बैंक खाता नंबर दिया। इस पर डॉ. विक्रम ने 4 लाख रुपये बताए गए बैंक खाते में भेज दिए।
बेल्ट से पीटा और सिगरेट से जलाए हाथ
इसके बाद बताया कि एक व्यक्ति रुपये लेकर आ रहा है। काफी प्रतीक्षा करने के बाद भी वह नहीं आया तो ये लोग 19 अक्टूबर को लखनऊ में ही रुक गए। 20 अक्टूबर को आशीष से रुपये वापस मांगे। आशीष ने रुपये देने से इन्कार किया तो उसे कार में जबरन बैठाकर झांसी ले आए और पूंछ में सुलेमान के फार्म हाउस में बंधक बना लिया। 4 दिन तक उस पर रुपए वापस करने का दबाव डालते हुए उसकी बेल्ट से पिटाई की और सिगरेट से उसके हाथों को जलाया। वीडियो बनाकर आशीष के परिजनों को भेजते हुए रुपये वापस मांगे, जिस पर उसके परिजनों ने 40 हजार रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए थे।
पुलिस टीम में यह रहे शामिल
अपहृत को मुक्त करने वाली टीम में पूंछ थानाध्यक्ष सुरेन्द्र प्रताप सिंह, उप-निरीक्षक महेश चन्द्र, सत्यदेव पाठक, सर्विलांस के हेड कौंस्टबल दुर्गेश चौहान, सिपाही सागर बाबू, अंकुश कुमार, विष्णु गौतम, शैलेन्द्र सिंह, उमेश बाबू शामिल रहे।
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