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राजकीय सम्मान के साथ झांसी में हुआ मेजर अंकित बुद्धिराजा का अंतिम संस्कार UP News

अपने पालतू कुत्ते की जान बचाने में अपनी जान गंवा देने वाले मेजर अंकित बुद्धिराजा का मंगलवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हुआ।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 03 Mar 2020 11:41 AM (IST)Updated: Tue, 03 Mar 2020 01:21 PM (IST)
राजकीय सम्मान के साथ झांसी में हुआ मेजर अंकित बुद्धिराजा का अंतिम संस्कार UP News
राजकीय सम्मान के साथ झांसी में हुआ मेजर अंकित बुद्धिराजा का अंतिम संस्कार UP News

झांसी, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर में बारामूला जिले के गुलमर्ग क्षेत्र में घर में लगी आग से कई लोगों को बचाने के बाद पालतू कुत्ते को आग से बचाते हुए मेजर अंकित बुद्धराजा ने जान गंवा दी। झांसी निवासी मेजर का मंगलवार को इस शहर में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। शनिवार रात उनके घर में आग लगी थी। एसएसटीसी में कोर सिग्नल से जुड़े मेजर अंकित बुद्धराज ने अपनी पत्नी के साथ अन्य लोगों और एक कुत्ते को घर से सुरक्षित बाहर निकाल लिया, लेकिन दूसरे कुत्ते को बचाने के दौरान वह 90 फीसदी तक जल गए और घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई।

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अपने पालतू कुत्ते की जान बचाने में अपनी जान गंवा देने वाले मेजर अंकित बुद्धिराजा का मंगलवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हुआ। वहां पर सैन्य अफसरों के साथ ही जन सैलाब उमड़ा। उत्तरी कश्मीर के बारामूला-गुलमर्ग में यह घटना हुई। बिजौली मुक्तिधाम पर अंतिम संस्कार में सेना के अधिकारियों के साथ ही सैकड़ों गणमान्य लोग उपस्थित थे। सोमवार को उनका पार्थिव शरीर जांसी के राजगढ़ में पैतृक आवास पर लाया गया। सुबह एल्डिको कॉलोनी से उनकी अंतिम यात्रा मुक्ति धाम,बिजौली के लिए निकली।

शिक्षा निकेतन,भेल  में शिक्षा ग्रहण की 

मेजर अंकित बुद्धराजा के पिता विजय कुमार बुद्धराजा बीएचईएल से सेवानिवृत अधिकारी हैं। मेजर ने भेल के शिक्षा निकेतन में प्राइमरी से लेकर इण्टरमीडिएट तक की शिक्षा ग्रहण की। इसके बाद जनवरी 2005 में टेक्निकल इंजीनियरिंग सर्विस में चयन हो गया। आइएमए देहरादून में एक वर्ष की ट्रेनिंग की। इसके बाद वे इन्दौर मप्र के महू में मिलिट्रि हेडक्वार्टर आ गये, जहां चार वर्ष आईटी इंजीनियरिंग की। इसके बाद 13 दिसम्बर 2008 को लेफ्टीनेंट, 2010 में कैप्टन तथा दिसम्बर 2014 में मेजर बन गये।

पत्नी सोशल वर्कर

मेजर का विवाह करीब पांच वर्ष पहले भोपाल निवासी अनुभूमि के साथ हुआ। अनुभूमि ने बीटेक किया हुआ है, लेकिन वह पति के साथ ही रह रही थीं। वहाँ वे सोशल वर्क करती थीं। मन में देश सेवा के भाव होने से मेजर उनको बहुत पसन्द करते थे।

परिवार के बहुत लाड़ले थे मेजर

मेजर के पिता विजय कुमार व मां सुमन उन्हें बहुत चाहते थे। पढ़ाई में अव्वल रहने के कारण पिता हमेशा मेजर का उत्साहवर्धन करते थे। मेजर की बहन भावना अपने पति निखिल के साथ दुबई में रहती हैं। राजगढ़ स्थित एल्डिको कॉलोनी में मेजर के माता-पिता रहते हैं, जहाँ अवकाश में मेजर उनसे मिलने के लिए आते रहते थे।

गौरतलब है कि उत्तरी कश्मीर में बारामूला के गुलमर्ग में ऑफिसर्स हट में शनिवार (29 फरवरी) की मध्य रात्रि लगी आग में फंसे कुत्ते को बचाने के प्रयास में मेजर अंकित बुद्धराजा की मौत हो गयी। एक मार्च को उन्हें कोर सिग्नल इंजीनियरिंग रेजीमेण्ट में रिपोर्ट करनी थी। चार कमरे वाली लकड़ी से बनी ऑफिसर्स हट में मध्य रात्रि दो बजे आग लगी। मेजर ने तुरन्त पहले पत्नी फिर एक कुत्ते को बाहर सुरक्षित निकाल दिया। सैनिकों को उन्हें सुरक्षित जगह ले जाने की हिदायत देकर मेजर फिर से जल रही हट में घुस गये। उनका दूसरा कुत्ता चौथे कमरे में था। आग तेजी से फैल चुकी थी। झुलसने के बाद भी मेजर कुत्ते को बाहर ले आये। नब्बे फीसद जले 33 वर्षीय मेजर की मौके पर ही मौत हो गयी थी। मेजर के पार्थिव शरीर को वहाँ जिला अस्पताल में रखा गया। रविवार (1 मार्च) को इसे 92 बेस सैन्य अस्पताल भेज दिया गया।  


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