Move to Jagran APP

झांसी सामूहिक दुष्कर्म केस : प्रलोभन और दबाव के आगे नहीं झुका परिवार, 8 आरोपियों की जेल में कटेगी पूरी जिंदगी

Jhansi News झांसी के पालिटेक्निक सामूहिक दुष्कर्म केस में न्यायालय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नितेन्द्र कुमार ने सभी आठ आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। 25 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया। लगभग 50 तारीखों के बाद फैसला आया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 04 Oct 2022 07:32 PM (IST)Updated: Tue, 04 Oct 2022 07:32 PM (IST)
झांसी सामूहिक दुष्कर्म केस : प्रलोभन और दबाव के आगे नहीं झुका परिवार, 8 आरोपियों की जेल में कटेगी पूरी जिंदगी
Jhansi News: झांसी सामूहिक दुष्कर्म केस में कोर्ट ने सभी आरोपियों को सुनाई आजीवन कारावास सजा

Jhansi Polytechnic College Gang Assault Case: झांसी, जेएनएन। पालिटेक्निक सामूहिक दुष्कर्म केस के सभी आठ आरोपी अब पूरी जिंदगी जेल में रहेंगे। यह वारदात 11 अक्टूबर, 2020 की है। न्यायालय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नितेन्द्र कुमार ने आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। 25 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया। कोर्ट में सजा सुनाते ही सन्नाटा पसर गया, लेकिन आरोपी छात्र के चेहरे के भाव जरा भी नहीं बदले। पीड़िता पिता कोर्ट के फैसले से संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा कि समाज की सभी बेटियों को सुरक्षित करने के लिए उनका परिवार प्रलोभन व दबाव के आगे नहीं झुका है।

loksabha election banner

पालिटेक्निक सामूहिक दुष्कर्म केस में दिन-प्रतिदिन की सुनवाई में लगभग 50 तारीखों के बाद फैसला आया है। बचाव पक्ष की ओर से दो गवाह पेश किए गए, लेकिन वह अभियोजन पक्ष को कमजोर नहीं कर पाए। बचाव पक्ष के चार अधिवक्ताओं ने बहस की। अभियोजन पक्ष की पैरवी करते हुए विशेष लोक अभियोजक विजय सिंह कुशवाहा ने बताया कि न्यायालय ने 30 सितंबर को सभी आरोपियों को दोषी माना था।

यह है पूरी घटना

पालिटेक्निक कालेज की पीड़ित छात्रा ने सीपरी बाजार पुलिस को तहरीर देकर बताया कि 11 अक्टूबर, 2020 को सुबह 11 बजे वह स्कूटी से ट्यूशन पढ़ने जा रही थी। इसी दौरान पालिटेक्निक कालेज के ब्यायज हास्टल के पास 5 से 6 छात्रों ने रोका और उसे पीटते हुए हास्टल ले गए। वहां पहले से ही उसके साथ ट्यूशन जाने वाले छात्रों को उन्होंने पकड़ रखा था और उसे पीट रहे थे। उन्होंने जबरन उस लड़के से उसकी पैंट उतरवाई और वीडियो बनाया। उसे ब्लैकमेल करते हुए उसके पास से एक हजार रुपये छीन लिए और दो हजार रुपये उसके मोबाइल फोन से ट्रांसफर करवाए।

वार्डन रूम में किया दुष्कर्म

आरोपित छात्रों में से एक उसे वार्डन रूम में ले गया और दुष्कर्म किया। बाकी सब नीचे ही रुके रहे। इस बीच, एक पुलिस वाला वहां से निकला तो उन्होंने नीचे खड़े लड़कों को देखा। वह लड़के अमरजीत को पीट रहे थे। पुलिस वाले के आने के कारण वह भाग गये, तब पुलिस वाले की मदद से उसे हास्टल से निकाला गया। उन लड़कों में एक भरत, जो कि मिकैनिकल का छात्र है, वह भी शामिल था।

इन आरोपितों को मिली सजा

महोबा जिले के थाना कुलपहाड़ निवासी रोहित कुमार सैनी, थाना कुलपहाड़ के ग्राम मोड़ारी निवासी संजय कुशवाहा, थाना कबरई के छानी कला निवासी भरत कुमार कुशवाहा, गोंडा जिले के थाना वजीरगंज के ग्राम पाठकपुरवा निवासी शैलेन्द्र नाथ पाठक, झांसी के थाना टहरौली के ग्राम खिल्लावारी निवासी मयंक शिवहरे, थाना मऊरानीपुर के रौनयापुरा निवासी मोनू पारया, रानीपुर निवासी धर्मेन्द्र सेन, प्रयागराज जिले के थाना थरवई के दामोदरपुर निवासी विपिन तिवारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।

पाक्सो एक्ट समेत इन धाराओं में सजा

न्यायालय ने सामूहिक दुष्कर्म मामले के आठ आरोपितों के खिलाफ पाक्सो एक्ट, डकैती, सामूहिक दुष्कर्म का आरोप सही पाया। न्यायालय ने सभी आरोपितों को आइपीसी की धारा 395, 376डी, 354, 354ए, 354बी, 354डी, 323, 386, 34 तथा पंक्सो ऐक्ट 5/6 व 9/10 में दोषी पाया और आजीवन कारावास व 25 हजार जुर्माना की सजा सुनाई। न्यायालय ने सभी को धारा 412 आइपीसी तथा 67 तथा 67 (ए) में आइटी एक्ट में दोष मुक्त करार दिया है।

डीएनए टेस्ट से पहुंचे जेल

पीड़ित छात्रा के साथ दुष्कर्म करने के आरोपी रोहित सैनी का पुलिस ने डीएनए टेस्ट कराया। लखनऊ लैब की रिपोर्ट में स्पर्म मैच हो गया। इससे दुष्कर्म के आरोप की पुष्टि हुई, तो उच्चतम न्यायालय की एक नजीर ने शेष आरोपियों की घटना स्थल पर उपस्थिति के चलते सामूहिक दुष्कर्म के तहत मामला पुख्ता हो गया, जिसमें सभी बराबर के दोषी पाए गए।

पुलिस विवेचना में 33 गवाह

पुलिस विवेचना में 33 गवाह प्रस्तुत हुए, जिसमें पीड़िता समेत 12 गवाह ने आजीवन कारावास की सजा के नजदीक पहुंचाया। पीड़ित छात्रा के साथ ट्यूशन जाने वाले छात्र अमरजीत ने भी पूरे मामले की पुष्टि की, जो पिटायी के दौरान स्वयं घायल हो गया था। पीड़िता के चाचा, जो अपनी भाभी, पीड़िता की मां के साथ सबसे पहले मौके पर पहुंचे थे। पीड़िता ने मां को सबसे पहले फोन कर घटना की जानकारी दी थी। चाचा की गवाही ने भी पूरे मामले की पुष्टि की।

दारोगा विक्रांत सिंह सबसे अहम गवाह

सबसे अहम गवाह प्रत्यक्षदर्शी दारोगा विक्रांत सिंह के बयान रहे। दारोगा के पहुंचने से पीड़िता की जान बच गयी और दुर्दांत घटना नहीं हो सकी। दारोगा ने ही पीड़िता को छज्जे से बाहर निकाला था, जबकि हास्टल के मुख्य गेट पर छात्रों ने ताला जड़ दिया था। विवेचक थाना प्रभारी देवेन्द्र सिंह ने भी पूरे मामले में गवाह प्रस्तुत करने व साक्ष्य जुटाने में सराहनीय भूमिका निभायी। विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ की वैज्ञानिक डॉ. अनीता कुंडीर तथा चिकित्सकों की रिपोर्ट व गवाही ने मामले को पुख्ता कर दिया। इस तरह पूरे मामले में गवाही व साक्ष्य ने सजा दिलाने में मदद की।

प्रलोभन व दबाव के आगे नहीं झुका परिवार

पीड़िता का पिता बोला- ‘सजा से संतुष्ट, अब किसी बेटी के साथ दुस्साहस करने से पहले सोचेंगे अपराधी’ आजीवन कारावास की सजा के बाद पीड़िता के पिता ने कहा कि उसे न्यायपालिका पर विश्वास था और रहेगा। सभी आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा मिलने से समाज में संदेश जाएगा। अब किसी की बेटी के साथ कोई भी अपराधी ऐसा कोई दुसाहस करने से पहले कई बार सोचेगा। भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए उसकी बेटी व पूरे परिवार ने लम्बी लड़ाई लड़ी। समाज की सभी बेटियों को सुरक्षित करने के लिए उनका परिवार प्रलोभन व दबाव के आगे नहीं झुका है।

छात्रों के चेहरे पर नहीं दिखा पछतावा

दो दिन पहले आरोप सिद्ध होने पर मायूस होने वाले आरोपी छात्र फैसले के वक्त अलग ही दिखे। न्यायालय में लगभग 12.15 बजे पेश होकर फाइल पर हस्ताक्षर करने के बाद वापस बैरक में आते समय आरोपियों के चेहरे पर शिकन या पछतावे के भाव तक दिखायी नहीं दिए। आरोपी पुलिस की कड़ी सुरक्षा में जेल से बैरक, फिर न्यायालय परिसर और फिर वापस बैरक पहुंचे। इस दौरान एक आरोपी तो मुस्कुराता दिखायी दिया। हालांकि, न्यायालय परिसर में जुटे परिजन चिंतित नजर आए। परिजन पूरे समय न्यायालय तथा बैरक के बीच आते-जाते रहे। एक आरोपी की मां बिलखती रही।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.