Jhansi News: सेण्ट्रल बैंक की चीफ मैनेजर का डिमोशन कर बना दिया क्लर्क, अब महिला अधिकारी ने भी छेड़ दी जंग
Jhansi News बैंक की एक महिला चीफ मैनेजर का डिमोशन करते हुए उसे क्लर्क बना दिया है। इसके खिलाफ अब महिला अधिकारी ने भी जंग छेड़ दी है और मुख्यालय से लेकर शासन तक पत्र लिखकर इस पूरे खेल में उच्चाधिकारियों की भूमिका को कठघरे में खड़ा किया है।
झाँसी, जागरण टीम: चिरगाँव शाखा में घोटाले को लेकर सुर्खियों में आई सेण्ट्रल बैंक में एक और कारनामा उजागर हुआ है। स्थानान्तरण के बाद भी जॉइन नहीं करने की सजा देते हुए बैंक की एक महिला चीफ मैनेजर का डिमोशन करते हुए उसे क्लर्क बना दिया है। इसके खिलाफ अब महिला अधिकारी ने भी जंग छेड़ दी है और मुख्यालय से लेकर शासन तक पत्र लिखकर इस पूरे खेल में उच्चाधिकारियों की भूमिका को कठघरे में खड़ा किया है तो दो साल से किए जा रहे उत्पीड़न की कहानी भी सुनाई है।
सेण्ट्रल बैंक की चिरगाँव शाखा में 2 करोड़ रुपए के घोटाले का मामला अभी चल ही रहा था कि अब क्षेत्रीय कार्यालय में तैनात एक महिला अधिकारी का विवाद सामने आ गया है। मामला है चीफ मैनेजर के पद पर कार्यरत शुभा प्रकाश का जिन्हें हाल ही में एक जाँच रिपोर्ट के बाद चीफ मैनेजर पद से डिमोशन करते हुए बाबू बना दिया।
इस कार्यवाही के बाद महिला अधिकारी मुख्यालय को पत्र लिखकर अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को गलत बताते हुए छुट्टी पर चली गई। उन्होंने पिछले डेढ़ साल में हुए उत्पीड़न की सिलसिलेवार कहानी भी सुनाई है। यह था मामला भोपाल में सीनियर मैनेजर के पद पर तैनात शुभा प्रकाश का अगस्त 2020 में प्रमोशन करते हुए मुरादाबाद ट्रांस्फर कर दिया गया था।
शुभा ने वृद्ध माता-पिता के झाँसी में रहने तथा उनकी देखरेख का हवाला देकर झाँसी स्थानान्तरण किए जाने के लिए मुम्बई मुख्यालय को पत्र लिख दिया। शुभा प्रकाश द्वारा कार्यवाही के बाद मुख्यालय को भेजे गए पत्र में बताया कि जिस समय उनका मुरादाबाद स्थानान्तरण हुआ था, उस समय कोरोना महामारी का प्रकोप था और देशभर में लॉकडाउन लगा हुआ था। इसलिए वह मुरादाबाद जॉइन नहीं कर पाई।
उधर, मुख्यालय ने उनके आवेदन को स्वीकार करते हुए 8 अक्टूबर 2020 को उन्हें झाँसी में अनुकम्पा पोस्टिंग दे दी। शुभा का आरोप है कि उन्हें झाँसी पोस्टिंग की कोई जानकारी नहीं दी गई। फरवरी 2021 में मुम्बई मुख्यालय से फोन आने पर उन्हें पता चला कि उनका अक्टूबर माह में ही झाँसी ट्रांस्फर कर दिया गया था। शुभा द्वारा मुख्यालय को लिखे पत्र में आरोप लगाया कि मुरादाबाद में जॉइनिंग नहीं लेने और मुख्यालय द्वारा झाँसी में पोस्टिंग देने से लखनऊ में बैठे एक तत्कालीन अधिकारी नाराज हो गए और उसके बाद से ही उत्पीड़न शुरू हो गया।
झाँसी में उन्हें लोन विभाग में चीफ मैनेजर के पद पर तैनाती दी गई। आरोप है कि उन पर गलत तरीके से लोन देने का दबाव बनाया गया, और इसका विरोध किया तो जून 2021 में उनका कार्यालय मसीहागंज शाखा में शिफ्ट कर दिया गया। आरोप है कि इस दौरान उनके साथ लगातार अभद्रता की जाती रही। जब इसकी शिकायत की गई तो 24 दिसम्बर 2021 को कार्यालय वापस शिफ्ट करने के लिए कर्मचारी को भेज दिया गया।
आरोप है कि इस सम्बन्ध में उच्चाधिकारी से बात करने गई तो उनके साथ अभद्रता की गई। इसके बाद उन्हें बड़ा बाजार ब्रांच कार्यालय में नोडल रिकवरी ऑफिसर बनाकर भेज दिया गया। अब उन पर लिपिक के पद का चार्ज लेने का दबाव बनाया जा रहा है, जबकि 2 माह से लिपिक पद का ही वेतन भी दिया जा रहा है।
महिला अधिकारी ने यह उठाए सवाल
शुभा प्रकाश ने जाँच रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया कि उन्होंने मेडिकल अवकाश लिया, जिसे बैंक ने चैलेंज भी नहीं किया, लेकिन फिर भी उन्हें आरोपी मानते हुए कार्यवाही की संस्तुति कर दी गई।
शुभा ने मुख्यालय को वह पत्र भी भेजे, जिसमें गलत तरीके से लोन स्वीकृत नहीं करने पर उच्चाधिकारी ने अभद्र शब्दों का उपयोग किया है।
शुभा ने अक्टूबर 2020 से फरवरी 2021 तक झाँसी में उनकी पोस्टिंग होने का पत्र छिपाए रहने के सुबूत प्रस्तुत किए।