आरवीएनएल और ट्रक चालक की लापरवाही से दुर्घटनाग्रस्त हुई थी जबलपुर-निजामुद्दीन एक्सप्रेस
- एक साल पहले बिरलानगर-रायरू रेल खण्ड में हुआ था हादसा - 6 लोग हुए थे गम्भीर रूप से घायल, जाँच में
- एक साल पहले बिरलानगर-रायरू रेल खण्ड में हुआ था हादसा
- 6 लोग हुए थे गम्भीर रूप से घायल, जाँच में ट्रक चालक और आरवीएनएल पर सिद्ध हुआ दोष
झाँसी : अक्टूबर 2019 को मण्डल के बिरलानगर-रायरू रेल खण्ड पर हुए रेल हादसे में जबलपुर-नि़जामुद्दीन सुपर फास्ट एक्सप्रेस की ट्रैक पर आ पहुँचे ट्रक से भिड़न्त हो गई थी। आधी रात को हुए इस भीषण हादसे में कई लोगों को अपने शरीर के अंग गँवाने पड़े थे। रेलवे द्वारा हादसे की जाँच रेल संरक्षा आयुक्त को सौंपी गई थी, जिन्होंने अपनी जाँच रिपोर्ट में ट्रैक पर पहुँचे ट्रक ड्राइवर के साथ ही रेल विकास निगम लिमिटेड को भी इस हादसे का दोषी पाया है। वहीं, दूसरी तरफ रेलवे के एंजिनियरिंग विभाग को भी लापरवाही बरतने का दोषी माना गया है। रिपोर्ट में बताया कि उक्त रेल खण्ड पर तीसरी लाइन का कार्य चल रहा था और सुरक्षा फेन्सिंग टूटी हुई थी। बावजूद इसके उसे ठीक नहीं किया गया, जिसके चलते ट्रक पटरी तक पहुँच गया।
बताते चलें कि 1 अक्टूबर 2019 को बिरलानगर (ग्वालियर) से आगरा जा रहा ट्रक चालक रास्ता भटककर रेलवे ट्रैक के पास पहुँच गया था। ट्रक को बैक करते समय अचानक उसका पहिया नाले में उतर गया, जिससे ट्रक तिरछा होकर रेलवे ट्रैक के पास पहुँच गया था। ट्रक चालक ने जब जबलपुर-नि़जामुद्दीन सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन को तेज रफ्तार में आते देखा तो ट्रेन को रोकने के लिए चारों डिपर चालू कर दिए। हाथ से रुकने का इशारा भी किया। रात में अँधेरा अधिक होने के कारण लोको पायलट को चालक के प्रयास दिखाई नहीं दिए, नतीजा 7 लोग दुर्घटना का शिकार हो गए, जिनमें 6 लोग गम्भीर रूप से घायल हुए थे। रेलवे ने भी मामले को गम्भीरता से लेते हुए कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टि को जाँच सौंपी थी, जिनकी रिपोर्ट आने के बाद ट्रक चालक और रेल विकास निगम लि. को दुर्घटना का दोषी माना गया है। जाँच से जुड़े रेल अधिकारी ने बताया कि ट्रक चालक कटनी से सीमेण्ट भरकर बिरलानगर (ग्वालियर) में माल खाली करने पहुँचा था। उसे आगरा जाना था, जब उसने जलालपुर चौराहा पर रास्ता पूछा तो उसे बताया कि लक्ष्मणपुरा अण्डरपास के रास्ते वह हाइ-वे पर पहुँच जाएगा। जब अण्डरपास की ऊँचाई कम लगी तो वह खड़ा हो गया, लेकिन आगे एक डम्पर को जाते देख वह भी उसके पीछे ट्रक लेकर चल दिया। कुछ दूर जाने पर जब उसे लगा कि गलत आ गया है तो ट्रक को बैक करने का प्रयास किया, जिसमें ट्रक का पहिया गढ्डे में फँस गया। इसके बाद वह लौट कर नहीं जा सका। वहीं, झाँसी की ओर से 109 किलोमीटर प्रतिघण्टा की रफ्तार से आ रही गाड़ी संख्या 22181 जबलपुर-नि़जामुद्दीन सुपरफास्ट एक्सप्रेस ने उसे ़जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी तेज थी कि ट्रक के परखच्चे उड़ गए।
0 मदद की आस में तड़पते रहे थे यात्री
हादसे के समय ट्रेन में मौजूद यात्रियों ने बताया कि ट्रेन जब ट्रक से टकराई तो तेज धमाका हुआ था, जिसके बाद यात्रियों में चीख पुकार मच गई। पायलट ने इमरजेन्सी ब्रेक लगाए, लेकिन ट्रेन करीब 1 किलोमीटर दूर जाकर रुकी। सूत्र ने बताया कि हादसे के समय दर्ज कराए बयान में रेल यात्रियों ने कहा कि उन लोगों ने रेलवे की हेल्पलाइन पर फोन किया, अन्य नम्बर पर भी मदद के लिए करीब आधा घण्टा तक फोन लगाते रहे, लेकिन कोई मदद नहीं मिली।
0 एंजिनियरिंग विभाग ने की थी अनदेखी
रेल संरक्षा आयुक्त ने अपनी जाँच रिपोर्ट में रेलवे के एंजिनियरिंग विभाग को भी लापरवाही बरतने के लिए ़िजम्मेदार ठहराया है। बताया कि जिस खण्ड (बिरलानगर-रायरू) पर काम चल रहा था, वहाँ की सुरक्षा फेन्सिंग टूटी हुई थी। कहा कि विभाग के अधिकारी वहाँ कई बार निरीक्षण के लिए गए, लेकिन उन्होंने टूटी हुई फेन्सिंग की मरम्मत नहीं कराई, जिसके कारण ट्रक पटरी पर पहुँच गया।
फाइल : वसीम शेख
समय : 08 : 30
8 जनवरी 2021