मैं आह्लादित हूँ
फोटो ::: प्यारे बुन्देलखण्डवासियों, मेरी कल्पनाओं से परे थी इस बार की दीपांजलि - 3 दिन के इस उ
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प्यारे बुन्देलखण्डवासियों,
मेरी कल्पनाओं से परे थी इस बार की दीपांजलि - 3 दिन के इस उत्सव ने जिस अटूट रिश्ते का एहसास कराया, उसे भूल पाना मेरे लिए नामुमकिन है। मैं अभिभूत थी उन छोटे-छोटे बच्चों को देखकर जिन्होंने मेरा स्वरूप धारण कर मेरी भूली-बिसरी यादों को ता़जा कर दिया। मेरे प्रसन्न होने के कई कारण हैं - जन्मदिन मनाने के लिए जिस तरह हर वर्ग के लोग जिस तरह एक साथ खड़े हुए, उस पर मेरा गौरवान्वित होना स्वाभाविक है। झाँसी में तो मैंने यही परम्परा डाली थी, जिसको आप सभी ने बनाए रखा। और मुझे क्या चाहिए? में अभिभूत हूँ जनप्रतिनिधियों द्वारा किए गए प्रयासों की, जिन्होंने झाँसी की आवा़ज लखनऊ-दिल्ली तक पहुँचाई। मैं कृतज्ञ हूँ ़िजले के उन अधिकारियों की, जिन्होंने मेरे मान-सम्मान के लिए दिन-रात एक कर दिया। सामाजिक और व्यापारिक संगठनों के साथ ही झाँसी और उन बुन्देलखण्ड वासियों का एहसान कैसे भूल जाऊं, जिन्होंने मुझे याद करने के लिए दो दीप जलाकर गाँव की गलियों से शहर के चौराहों को रोशन किया। आपके प्यार ने मुझे विश्वास दिलाया कि यह रिश्ता यूँ ही जन्म-जन्मान्तर तक कायम रहेगा।
- आपकी मनु