दीपांजलि : बंसल कॉलनि में घर-घर जलेंगे दीप
लोगो : दीपांजलि ::: 0 महानगर के प्रत्येक कॉलनि में होगा बाई-सा की याद में जलसा, बच्चों से लेकर ब
लोगो : दीपांजलि
:::
0 महानगर के प्रत्येक कॉलनि में होगा बाई-सा की याद में जलसा, बच्चों से लेकर बुजुर्ग भी करेंगे नमन
0 विभिन्न संगठनों ने तैयार की भूमिका, 18 व 19 नवम्बर होंगे रंगारंग कार्यक्रम
झाँसी : वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की जयन्ती दीपांजलि महोत्सव को लेकर महानगर के विभिन्न कॉलनि और चौराहों पर आयोजन को लेकर अन्तिम स्वरूप दिया जाने लगा है। दीपावली के बाद एक और जश्न मनाने के लिए महानगर तैयार हैं। दीपांजलि महोत्सव में इस वर्ष हर वर्ग और समुदाय के लोगों ने बढ़-चढ़ कर प्रतिभाग करने की सहमति जताई है। 18 और 19 नवम्बर को महानगर में होने वाले 2 दिवसीय आयोजन में विभिन्न कार्यक्रमों की रूपरेखा भी तय हो गई है। बसल कॉलनि में भी दीपांजलि महोत्सव को लेकर महिलाओं ने तैयारी शुरू कर दी है। रानी की याद में हर घर में रंगोली बनाई जाएगी और शाम को दीपक जलाकर आतिशबाजी चलाई जाएगी।
सभी फोटो हाफ कॉलम
:::
हम भी हैं तैयार
0 अंकित राय ने बताया कि रानी के देशप्रेम के सन्देश को अपने जीवन में उतारना ही वीरांगना को सबसे बड़ी श्रद्धांजलि है। हम बंसल कॉलनि में इस दिन रानी का जश्न धूमधाम से मनाएंगे।
0 जितेन्द्र मकड़ारिया ने कहा कि देश-विदेश में महानगर का नाम रौशन करने वाली रानी के शौर्य में दीपांजलि महोत्सव हर साल आगे बढ़ रहा है। यह झाँसी वासियों के लिए गौरव की बात है।
0 अशोक राय ने कहा कि दीपांजलि कार्यक्रम को लेकर उन्होंने तैयारी शुरू कर दी है। इस साल भी वह अपने घर को रोशनी से जगमग करेंगे और शाम को रानी के सम्मान में आतिशबाजी चलाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
0 रेखा राय ने कहा कि दीपांजलि वाले दिन क्षेत्र की महिलाओं के साथ मिलकर दीपांजलि कार्यक्रम बड़े ही भव्यता के साथ मनाएंगी। इसको लेकर महिला मण्डली में विचार किया जा चुका है।
0 शालिनी ने कहा कि रानी के जन्मोत्सव पर वह पकवान बनाकर बच्चों के बीच बाँटकर अपनी खुशी का इ़जहार करेंगी। साथ ही अपनी महिला साथियों के साथ मिलकर दीप भी जलायेंगी।
0 आराधना गुप्ता ने कहा कि इस बार दीपावली की सजावट दीपांजलि तक रहेगी। इसके अलावा ़गरीब लोगों में फल व मिठाइयाँ वितरित करेंगी।
0 योजना मिश्रा ने कहा कि उनको दीपांजलि के मुख्य कार्यक्रम में शामिल होकर खुद को रानी झाँसी की नगरी का नागरिक होने पर बहुत गर्व होता है। अपने रिश्तेदारों व दूसरे शहरों में रहने वाले दोस्तों से ये दीपांजलि के लम्हे साझा करती हैं।
0 तरुणा ने बताया कि जब वह दूसरे देशों में घूमने जाती हैं और बताती हैं कि भारत के झाँसी शहर से हैं तो लोगों का व्यवहार बहुत अच्छा होता है। इससे रानी के शौर्य की पहुँच का अन्दा़जा लगाया जा सकता है।
0 अन्नू टड़ैया ने कहा कि हम सब वीरांगना को नमन करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। आयोजन को लेकर हमने पूरी तैयारी कर ली है। मैं परिवार सहित दीपांजलि कार्यक्रम में भाग लूँगी और अपने घर पर भी दीपांजलि उत्सव मनाएंगी।
0 अनुपम टड़ैया ने कहा कि रानी लक्ष्मीबाई महिलाओं के लिए ऩजीर भी हैं। उन्होंने ह़जारों मर्दो की फौज के दाँत खट्टे कर दिये थे, ऐसी रानी के जन्मोत्सव को मनाना गर्व की बात है।
0 मनीष मित्तल ने कहा कि नारी सशक्तिकरण का सही मतलब रानी की ़िजन्दगी को समझने से मिलता है। वह न केवल समाज के लिए उदाहरण हैं, बल्कि अपने बल के प्रयोग से दुनिया जीतने की सीख भी देती हैं।
रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय में भी होगा उत्सव
झाँसी : दैनिक जागरण की पहल पर रानी लक्ष्मीबाई के जन्मदिवस को सामाजिक चेतना के प्रतीक के रूप में मनाने हेतु कृषि विश्वविद्यालय ने भी तैयारी शुरू कर दी है। निदेशक (शिक्षा) प्रोफेसर अनिल कुमार गुप्ता ने बताया कि दीपांजलि महोत्सव की पूर्व संध्या पर 18 नवम्बर को 'रानी लक्ष्मीबाई का राष्ट्र नव-निर्माण में योगदान' विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। इसमें रानी के सामाजिक एकता, नारी उत्थान एवं अन्य ऐतिहासिक तथ्यों पर विभिन्न वक्ता प्रकाश डालेंगे। 19 नवम्बर को समाज के दबे, कुचले, मजदूर, किसान एवं ग्रामीण अंचल की बालिकाओं द्वारा 'मैं भी रानी झाँसी' कार्यक्रम के अन्तर्गत भव्य दीपांजलि महोत्सव का शुभारम्भ होगा। इसके साथ ही विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा 'मेरी सामाजिक जिम्मेदारी' संस्था के माध्यम से उनके स्वाभिमान की रक्षा हेतु गुर एवं पढ़ाई हेतु प्रेरित करने के लिए पठन-पाठन से सम्बन्धित सामग्री का वितरण किया जाएगा। इसके उपरान्त रानी लक्ष्मी के कृतित्व एवं व्यक्तित्व से सम्बन्धित विभिन्न विद्यालयों से समारोह में शिरकत करने वाले छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम व नृत्य नाटिका का मंचन किया जाएगा। यही विश्वविद्यालय परिवार द्वारा रानी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
फोटो : 13 एसएचवाइ 8
:::
जब अंग्रे़जों ने क्षतिग्रस्त किया गणेश मन्दिर
झाँसी : पानी वाली धर्मशाला, गणेश बा़जार स्थित गणेश मन्दिर से महाराष्ट्रीयन समाज के लोग विशेष आस्था रखते हैं। झाँसी नरेश महाराजा गंगाधर राव का विवाह इसी गणेश मन्दिर में 'मणिकर्णिका' के साथ हुआ था जो बाद महारानी लक्ष्मीबाई के नाम से विश्व में प्रसिद्ध हुई। बताया जाता है कि सन् 1857 की गदर के बाद अंग्रे़जों ने लूटपाट के दौरान मन्दिर का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त कर दिया था। वर्तमान में मन्दिर की देखरेख महाराष्ट्र गणेश मन्दिर समिति द्वारा किया जाता है। 100 से अधिक सालों से यहाँ प्रत्येक वर्ष गणेश उत्सव का आयोजन किया जाता है। महाराष्ट्र समाज के अधिकांश लोगों के वैवाहिक कार्यक्रम इसी मन्दिर में सम्पन्न होते हैं।