हवाई अड्डे ने भरी 'उड़ान'
0 आने वाली है एयरपोर्ट अथॉरिटि की टीम 0 सर्वे के बाद डि़जाइन को दिया जाएगा फाइनल टच 0 1500 मीटर
0 आने वाली है एयरपोर्ट अथॉरिटि की टीम
0 सर्वे के बाद डि़जाइन को दिया जाएगा फाइनल टच
0 1500 मीटर लम्बा होगा रन-वे
झाँसी : झाँसी में हवाई अड्डा स्थापित करने की कार्यवाही को पंख लग गए हैं। लखनऊ से निकलकर फाइल दिल्ली पहुँची तो एयरपोर्ट अथॉरिटि ऑफ इण्डिया की टीम का सर्वे कार्यक्रम भी बन गया है। 10 दिन में कभी भी टीम झाँसी आर्मी एयरस्ट्रिप का निरीक्षण कर डि़जाइन को फाइनल टच दे सकती है।
केन्द्र सरकार ने बजट में देश के 100 शहरों में उड़ान योजना के तहत हवाई सेवा प्रारम्भ करने का प्राविधान किया, जिसके बाद झाँसी में इसकी हवा ते़ज हो गई। 20 फरवरी को मुख्यमन्त्री के मार्गदर्शन में प्रमुख सचिव एसपी गोयल ने बैठक ली, जिसमें निदेशक नागरिक उड्डयन विभाग सुरेन्द्र कुमार, खजुराहो एयरपोर्ट अथॉरिटि के निदेशक के अलावा सेना के 2 अधिकारी शामिल हुए। बैठक में तत्कालीन ़िजलाधिकारी शिवसहाय अवस्थी ने झाँसी में एयरपोर्ट को लेकर सफा-चमरउआ व आर्मी एयर स्ट्रिप का प्रस्ताव रखा। मन्थन के बाद आर्मी एयर स्ट्रिप के विस्तार पर मामला टिक गया। बताया गया कि पहले यहाँ 1,250 मीटर एयर स्ट्रिप का प्रस्ताव था, लेकिन अब 1,500 मीटर किया जाना है। इसके साथ ही नया टर्मिनल भी बनाया जाएगा। मुख्यमन्त्री के प्रमुख सचिव ने इस हवाई पट्टी का विस्तार करते हुए 80 सीटर विमान उड़ाने पर सहमति व्यक्त की। आर्मी की ओर से भी ऱजामन्दी मिलने के बाद प्रस्ताव पर फाइनल मोहर लगा दी गई। 29 फरवरी को ़िजलाधिकारी आन्द्रा वामसी ने हवाई पट्टी का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि अभी 900 मीटर की हवाई पट्टी है, जिसका विस्तार कर 1500 मीटर किया जाना है। नवीन टर्मिनल भी बनाया जाएगा, जिसके लिए ़जमीन की आवश्यकता होगी। रन-वे की जद में आने वाली नहर व सड़क का मुँह मोड़ा जाएगा, जिसके लिए अलग से ़जमीन अधिगृहीत की जाएगी। ़िजलाधिकारी ने ़जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव एयरपोर्ट अथॉरिटि ऑफ इण्डिया भेज दिया। उन्होंने बताया कि सेना की ओर से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन रक्षा मन्त्रालय से अनुमति ली जानी है, जिसकी प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गई है। स्टेट एविएशन की स्वीकृति मिलने के बाद फाइल को एयरपोर्ट अथॉरिटि ऑफ इण्डिया भेज दिया गया, जहाँ से अगले 10 दिन में एक टीम झाँसी आएगी।
लखनऊ के लिए हो सकती है पहली उड़ान सेवा
1 साल में हवाई अड्डे का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। झाँसी से लखनऊ के बीच पहली उड़ान सेवा शुरू होने की सम्भावना भी जताई जा रही है।
सालों से सपनों की उड़ान भर रहा हवाई अड्डा
झाँसी में हवाई अड्डा बनाने का प्रस्ताव लम्बे समय से चल रहा है। इसके लिए पहले आर्मी एयर स्ट्रिप पर फोकस किया गया। तत्कालीन केन्द्रीय मन्त्री प्रदीप जैन 'आदित्य' के प्रयास से एयरपोर्ट अथॉरिटि की टीम ने यहाँ का सर्वे किया। लम्बी प्रक्रिया के बाद यहाँ से एटीआर-72 विमान उड़ाने पर सहमति बनने लगी, लेकिन फाइनल मोहर नहीं लग सकी। आर्मी एयर स्ट्रिप के रन-वे के साथ ही टर्मिनल के लिए स्थान कम होने की बात उठने लगी तो प्रशासन ने सफा-चमरउआ में ़जमीन चिह्नित कर प्रस्ताव आगे बढ़ा दिया। इसके अलावा भी एक-दो ़जमीन का प्रस्ताव आगे बढ़ा, लेकिन एयरपोर्ट ऑफ अथॉर्टि ऑफ इण्डिया व स्टेट एविएशन की टीम ने सफा-चमरउआ का ही कई बार निरीक्षण किया तो घूम-फिर कर बात आर्मी एयर स्ट्रिप पर ही ठहरी रही। अब भी सफा-चमरउआ की ़जमीन का प्रस्ताव तत्कालीन ़िजलाधिकारी ने दिया था, लेकिन आर्मी एयर स्ट्रिप के विस्तर पर ही मोहर लगाई गई।
हवाई अड्डे के लिए चिह्नित ़जमीन की पैमाइश
आर्मी एयर स्ट्रिप का विस्तार करने के लिए अधिगृहीत की जाने वाली ़जमीन की पैमाइश करने के लिए आज राजस्व विभाग की टीम गई। एसडीएम संजीव कुमार मौर्य के नेतृत्व में तहसीलदार राकेश कुमार, कानूनगो व लेखपाल की टीम ने चिह्नित ़जमीन पर जरीब डाली गई तथा निशान लगाए गए।
फोटो हाफ कॉलम
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इन्होंने कहा
'आर्मी एयर स्ट्रिप का विस्तार करने के लिए आवश्यक ़जमीन चिह्नित कर ली गई है। इसकी पैमाइश कराई जा रही है। उधर, एयरपोर्ट अथॉरिटि ऑफ इण्डिया की टीम भी अगले 10 दिन में कभी भी आ सकती है। टीम एयर स्ट्रिप का निरीक्षण कर डि़जाइन पर फाइनल मोहर लगाएगी।'
0 आन्द्रा वामसी, ़िजलाधिकारी
फाइल : राजेश शर्मा
6 अगस्त 2020
समय : 5.25 बजे