Move to Jagran APP

ख़्ाराब रि़जल्ट पर विद्यालय स्वयं करें समीक्षा

0 शिक्षा विभाग ने समीक्षा शीट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए झाँसी : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा पर

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Aug 2020 01:00 AM (IST)Updated: Fri, 07 Aug 2020 06:06 AM (IST)
ख़्ाराब रि़जल्ट पर विद्यालय स्वयं करें समीक्षा
ख़्ाराब रि़जल्ट पर विद्यालय स्वयं करें समीक्षा

0 शिक्षा विभाग ने समीक्षा शीट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए

loksabha election banner

झाँसी : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (प्रयागराज) ने बोर्ड परीक्षा 2020 में ख़्ाराब प्रदर्शन करने वाले विद्यालयों को सबक सिखाने की तैयारी कर ली है। यूपी बोर्ड ने विद्यालयों को निर्देश दिए हैं कि वे ख़्ाराब रिजल्ट की समीक्षा कर शीट बोर्ड को उपलब्ध कराएं।

शिक्षा विभाग ने खासकर उन विद्यालयों को चिह्नित किया है, जहाँ विद्यार्थियों को सभी मूलभूत सुविधाएं मिलने के बाद भी बोर्ड परीक्षा में विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम बेहतर नहीं पाया गया। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार सभी विद्यालयों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने विद्यालय की समीक्षा कर विद्यालय की कमी को उजागर करें और इसकी रिपोर्ट शिक्षा विभाग को प्रेषित करें, ताकि समय से बोर्ड को विद्यालय की समीक्षा रिपोर्ट भेजी जा सके। ़िजला विद्यालय निरीक्षक डॉ. कोमल सिंह यादव ने बताया कि बोर्ड से मिले दिशा निर्देशानुसार सभी विद्यालयों को सूचना उपलब्ध करा दी गई है। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही विद्यालय प्रबन्धकों को निर्देश दिए गए हैं कि मौसम को देखते हुए विद्यालयों में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए। इस बात का विशेष ख्याल रखा जाए कि विद्यालय में किसी प्रकार का जलभराव न हो, शौचालय की समुचित व्यवस्था हो, ताकि जब भी विद्यालय खोले जाएं, विद्यार्थियों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। प्रयोगशाला, स्मार्ट क्लास और पुस्तकालय में भी विशेष साफ-सफाई रखी जाए। यूपी बोर्ड परीक्षा में बोर्ड की अपेक्षाओं पर खरे न उतरने वाले विद्यालयों को लेकर डीआइओएस ने कहा कि बोर्ड परीक्षा में बेहतर परिणाम लाने की जितनी ़िजम्मेदारी विद्यार्थी की है, ठीक उतनी ही शिक्षकों की भी होती है। यदि बच्चों का परिणाम ख़्ाराब होता है, तो इसके लिए शिक्षक ही ़िजम्मेदार होता है। उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षकों की सभी मूलभूत सुविधाओं का ख्याल रखती है, इसलिए ़जरूरी हो जाता है कि शिक्षक अपनी नैतिक ़िजम्मेदारी का निर्वहन करें। विद्यालय के बेहतर परिणाम के लिए हर वर्ष ़िजलेवार लक्ष्य निर्धारित किया जाता है, इसके बावजूद भी देखने को मिलता है कि कई विद्यालय ऐसे हैं, जो बोर्ड की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरते। विद्यालयों की समीक्षा से बोर्ड को कमियां दूर करने में मदद मिलेगी।

नरेन्द्र प्रताप सिंह

समय 7.40

दिनांक 6 अगस्त 2020


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.