प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के लिए बीयू तैयार करेगा ई-कॉन्टेन्ट
झाँसी : उत्तर प्रदेश सरकार ने बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग को प्रदेश के सभी विश्वविद्या
झाँसी : उत्तर प्रदेश सरकार ने बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग को प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय में संचालित बीए, एमए व बीए ऑनर्स हिन्दी के पाठ्यक्रम का ई-कॉन्टेन्ट तैयार करने की महत्वपूर्ण कार्य सौंपा है। बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष सभी विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम की समीक्षा करने के बाद विभिन्न विश्वविद्यालयों के शिक्षकों से आवश्यक ई-कॉन्टेन्ट तैयार करवाएंगे और विधिवत मूल्यांकन करने के बाद उसे प्रदेश सरकार के पोर्टल पर अपलोड करेंगे, ताकि कोरोना के दौर में प्रदेश भर के हिन्दी विद्यार्थी ई-कॉन्टेन्ट से पढ़ाई कर सकें। 30 सितम्बर तक यह कॉन्टेन्ट तैयार किया जाना है। यह जानकारी देते हुए हिन्दी विभाग के अध्यक्ष डॉ. पुनीत बिसारिया ने विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के हिन्दी शिक्षकों से अपील की है कि वे अपने अपने हिन्दी के पाठ्यक्रम उन्हें उनके ई-मेल.....पर उपलब्ध करा दें। विशेषज्ञ शिक्षक ई-कॉन्टेन्ट तैयार कर 31 अगस्त तक इसी मेल पर उपलब्ध करा दें।
लोकेशन बदलने पर भी पकड़े जाएंगे अपराधी
0 बीआइईटी के छात्रों द्वारा बनाया गया सॉफ्टवेयर पुरस्कृत
0 सिंगापुर हैकथॉन के फाइनल में भी मिली एण्ट्रि
झाँसी : अपराधी भले ही अपराध करने के बाद अपनी लोकेशन बदल ले फिर भी उसकी तलाश आसानी से कर ली जाएगी। बुन्देलखण्ड इंस्टि्टयूट ऑफ एंजिनियरिंग ऐण्ड टेक्नॉलजि (बीआइईटी) के छात्रों ने ऐसा सॉफ्टवेयर बनाकर स्मार्ट इण्डिया हैकथॉन में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। टीम ने इस सॉफ्टवेयर से पहला स्थान पाया और उन्हें एक लाख रुपये के ऩकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
छात्रों ने बताया कि 3 अगस्त को स्मार्ट इण्डिया हैकथॉन का आयोजन हुआ तथा 4 अगस्त को परिणाम घोषित किया गया। इसमें देश भर से आयी विभिन्न टीम ने प्रतिभाग कर शानदार प्रदर्शन किया। बीआइईटी के छात्रों की टीम शील्ड 2.0 ने बिपिन यादव की अगुवाई में ब्यूरो फॉर पुलिस रिसर्च एण्ड डिवेलपमेण्ट डिपार्टमेण्ट के लिये आर्टिफिशल इण्टेलिजेन्स का सॉफ्टवेयर तैयार किया। पुलिस रिसर्च ऐण्ड डिवेलपमेण्ट डिपार्टमेण्ट गृह मन्त्रालय का एक विभाग है। उन्हें विषय दिया गया था कि यदि अपराधी अपराध करने के बाद अपनी लोकेशन बदल लेता है तो ऐसे में उसकी तलाश किस माध्यम से हो। इस पर छात्रों ने सॉफ्टवेयर तैयार किया था। टीम में शिवम कुमार, हर्षित अवस्थी, रोहन सक्सेना, महीप चौधरी, दीक्षा पाण्डेय शामिल रहीं। संस्थान के निदेशक प्रो. वीके त्यागी ने छात्रों की इस उपलब्धि पर बधाई दी।
वसीम शेख
समय 09:32
06 अगस्त 2020