न पहल, न प्रयास, सीधा पद
0 भाजपा ने ़िजलाध्यक्ष ग्रामीण पद पर जमुना कुशवाहा पर फिर लगाया दाँव 0 बिना आवेदन के पार्टी ने सौं
0 भाजपा ने ़िजलाध्यक्ष ग्रामीण पद पर जमुना कुशवाहा पर फिर लगाया दाँव
0 बिना आवेदन के पार्टी ने सौंपी बागडोर, चुनावी प्रक्रिया पर उठे सवाल
0 जातीय समीकरण ने कराई वापसी
झाँसी : 'पार्टी विद डिफरेंस' का नारा बुलन्द करने वाली भाजपा ने ़िजलाध्यक्ष ग्रामीण के पद पर जमुना कुशवाहा की वापसी कर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। सवाल इसलिए, क्योंकि ़िजलाध्यक्ष ग्रामीण के लिए हाइकमान को भेजे गए 40 से अधिक आवेदन में जमुना कुशवाहा का नाम शामिल ही नहीं था। उन्होंने महानगर अध्यक्ष पद के लिए आवेदन किया था, लेकिन ़िजलाध्यक्ष का पद उपहार में मिल गया।
संगठन में लोकतन्त्र का नारा बुलन्द कर विपक्ष व परिवारवाद पर हमलावर रहने वाली भारतीय जनता पार्टी स्वयं को अन्य दलों से अलग दर्शाती है। दावा रहता है कि भाजपा में छोटा-सा कार्यकर्ता भी अपनी ईमानदारी और निष्ठा से संगठन और सरकार के बड़े पद पर पहुँच सकता है। इसी दावे को पुष्ट करने के लिए भाजपा द्वारा मण्डल अध्यक्ष से ़िजलाध्यक्ष पद तक का चुनाव लोकतान्त्रिक प्रक्रिया के तहत किया जाता रहा है, लेकिन अब यह बीते समय की बात हो गई है। इस बार संगठन की चुनावी प्रक्रिया ने 'पार्टी विद डिफरेंस' के दावे को कठघरे में खड़ा कर दिया है। कार्यकाल पूर्ण होने पर संगठन ने पहले मण्डल अध्यक्ष पद के चुनाव की प्रक्रिया शुरू की। कार्यकर्ताओं ने नामांकन किए, लेकिन मनोनयन के आधार पर मण्डल अध्यक्ष का चयन कर दिया गया। इसके बाद ़िजलाध्यक्ष ग्रामीण व ़िजलाध्यक्ष महानगर की चुनावी प्रक्रिया प्रारम्भ की गई। प्रदेश चुनाव अधिकारी नगर विकास मन्त्री आशुतोष टण्डन ने ़िजलाध्यक्ष ग्रामीण के लिए सुधीर हिंगवासिया को चुनाव अधिकारी व उपेन्द्र पासवान को सह चुनाव अधिकारी बनाया। वहीं ़िजलाध्यक्ष महानगर के लिए दयाशंकर को चुनाव अधिकारी व उदयन पालीवाल को सह चुनाव अधिकारी बनाया गया। दिसम्बर माह में दोनों पदों के लिए आवेदन लिए गए। ़िजलाध्यक्ष महानगर के लिए 36 कार्यकर्ताओं ने आवेदन किये तो ़िजलाध्यक्ष ग्रामीण के लिए 40 से अधिक आवेदन आए। चुनाव अधिकारियों ने हाइकमान को सूची भेज दी। बताया गया कि ़िजलाध्यक्ष ग्रामीण पद पर रहते हुए जमुना कुशवाहा ने ़िजलाध्यक्ष महानगर के लिए आवेदन किया। हाइकमान ने मुकेश मिश्रा को ़िजलाध्यक्ष महानगर घोषित कर दिया, जिसके बाद माना जा रहा था कि आवेदन न करने के कारण जमुना को ़िजलाध्यक्ष ग्रामीण के पद से हाथ धोना पड़ सकता है, लेकिन बिना आवेदन और कोशिश के ही पार्टी ने जमुना कुशवाहा को ़िजलाध्यक्ष ग्रामीण मनोनीत कर दिया है। अन्दरखाने में पार्टी के इस निर्णय को लेकर चर्चा है, लेकिन अब इसे निर्वाचन प्रक्रिया समाप्त होने के बाद प्रदेश अध्यक्ष के विशेषाधिकार का मामला बताकर ढँकने का प्रयास किया जा रहा है। राजनैतिक विशेषज्ञों के अनुसार जमुना कुशवाहा की वापसी जातीय आधार पर की गई है।
नामांकन के साथ भराए गए थे विद्ड्रॉअल फॉर्म
भाजपा ने ़िजलाध्यक्ष ग्रामीण व महानगर पद के लिए नामांकन प्रक्रिया भले ही अपनाई हो, लेकिन अध्यक्ष थोपने का निर्णय पहले ही कर लिया गया था। यही वजह है कि अध्यक्ष पद के लिए आवेदन के साथ कार्यकर्ताओं से विद्ड्रॉअल फॉर्म भी भरवाए गए थे, ताकि सवाल उठने पर बताया जा सके कि अन्य दावेदारों ने अपने नाम वापस ले लिए हैं।
फाइल : राजेश शर्मा
23 जनवरी 2020
समय : 11 बजे