अब नहीं चलेगा किराएनामे में स्टैम्प चोरी का खेल
0 मिठाई, खान-पान व दवा की दुकानों का सर्वे शुरू 0 निबन्धन विभाग थमाएगा नोटिस झाँसी : किराएदारों
0 मिठाई, खान-पान व दवा की दुकानों का सर्वे शुरू
0 निबन्धन विभाग थमाएगा नोटिस
झाँसी : किराएदारों से अग्रीमेण्ट करने में अब स्टैम्प चोरी करना आसान नहीं होगा। निबन्धन विभाग ने किराएनामे की जाँच शुरू कर दी है। फिलहाल मिठाई, खान-पान व दवा की दुकानों को निशाने पर लिया गया है। जाँच के बाद स्टैम्प चोरी का मामला सामने आने पर नोटिस देकर स्टैम्प ड्यूटि वसूली जाएगी।
महानगर में ऐसे कई लोग हैं, जिन्होंने मुख्य मार्गो पर ़जमीन ख़्ारीदकर इन पर बड़े-बड़े व्यवसायिक प्रतिष्ठान बना लिए हैं। कुछ को बेच देते हैं, तो कई को किराए पर चलाते हैं, जिनसे मोटी रकम मिलती है। किराएदार दुकान पर ़कब़्जा न कर ले, इसके लिए भवन स्वामी द्वारा अग्रीमेण्ट किया जाता है। अधिकांश भवन स्वामी 100 रुपए के स्टैम्प पर 11 माह से लेकर 5-5 साल तक का अग्रीमेण्ट कर लेते हैं। अगर, किराएदार की नीयत ख़्ाराब होती है, तो यही दस्तावे़ज न्यायालय में प्रस्तुत कर वाद दायर किया जाता है। यह दस्तावे़ज किराएनामे का सुबूत तो रहता है, लेकिन पूरी तरह से वैध नहीं कहा जा सकता। निबन्धन विभाग के नियमों की कसौटी पर इसे देखें, तो अधिकांश अग्रीमेण्ट में स्टैम्प चोरी का मामला सामने आएगा। दरअसल, निबन्धन विभाग के नियमानुसार अग्रीमेण्ट के लिए स्टैम्प की वैल्यु किराएदार से वसूले जाने वाले किराए पर निर्भर करती है। इसके लिए विभाग का तय फॉर्मूला है, जिससे स्टैम्प ड्यूटि तय होती है। अब विभाग इस फॉर्मूले की कसौटी पर किराएनामों को कसने की तैयारी में जुट गया है। चूँकि झाँसी में दुकानदारों की संख्या काफी अधिक है और सभी पर एक साथ कार्यवाही करना आसान नहीं होगा, इसलिए निबन्धन विभाग ने खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग में पंजीकृत दुकानदारों पर निशाना साधने का निर्णय लिया है। विभाग ने मिष्ठान, खान-पान की दुकानों, होटल, रेस्ट्रॉण्ट व दवा की दुकानों की सूची प्राप्त कर जाँच शुरू कर दी है। सभी दुकानों के किराएनामे व अग्रीमेण्ट की पड़ताल कर निबन्धन विभाग के मानकों पर कसा जाएगा और स्टैम्प चोरी का मामला सामने आने पर दुकान स्वामी को नोटिस दिया जाएगा।
ये है फॉर्मूला
किराएदार से किए जाने वाले अग्रीमेण्ट के लिए 1 वर्ष के किराए का तीन गुना का 4 प्रतिशत स्टैम्प शुल्क अदा करना पड़ता है। उदाहरण के लिए अगर किसी दुकान का किराया 100 रुपए महीना है, तो एक साल का किराया 1200 रुपए होगा। इसका तीन गुना यानी 3600 रुपए का 4 प्रतिशत 144 रुपए होगा। चूँकि स्टैम्प पेपर तय धनराशि का होता है, इसलिए किराए की धनराशि को राउण्ड फिगर में लिया जाता है। इससे 3600 को 4 ह़जार रुपए मानते हुए 160 रुपए की स्टैम्प ड्यूटि वसूली जाएगी।
ये भी है नियम
अगर भवन स्वामी 11 माह का अग्रीमेण्ट करता है, तो किराया कितना भी हो, उसका अग्रीमेण्ट 100 रुपए के स्टैम्प पर हो सकेगा। पर, 1 से 5 वर्ष के अग्रीमेण्ट करने में निबन्धन विभाग के फॉर्मूले से ही स्टैम्प ड्यूटि वसूली जाएगी।
इन्होंने कहा
'अधिकांश दुकानदार किराए के अग्रीमेण्ट में नियमानुसार स्टैम्प ड्यूटि जमा नहीं करते हैं। इसकी जाँच करने का निर्णय लिया गया है। अभी खाद्य एवं औषधि प्रशासन में पंजीकृत दुकानदारों की जाँच की जा रही है। अगर स्टैम्प चोरी का मामला सामने आता है, तो नोटिस देकर स्टैम्प ड्यूटि जमा कराई जाएगी।'
0 एके पासवान
सहायक निबन्धक स्टैम्प
फाइल : राजेश शर्मा
26 जुलाई 2019
समय : 6.15 बजे