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खाली-खाली डेरा है..

फोटो ::: - सन्नाटे में डूब गयी भोजला मण्डी : पण्डाल उतरा, कुर्सियाँ समेटीं - 10 दिन से चल रही

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Feb 2019 01:00 AM (IST)Updated: Sun, 17 Feb 2019 01:00 AM (IST)
खाली-खाली डेरा है..
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- सन्नाटे में डूब गयी भोजला मण्डी : पण्डाल उतरा, कुर्सियाँ समेटीं

- 10 दिन से चल रही थी प्रधानमन्त्री के स्वागत की तैयारियाँ

झाँसी : 10 दिन तक चहल-पहल से गुल़जार भोजला मण्डी आज सन्नाटे में ऩजर आई। कुछ म़जदूर बचे हैं, जो दिनभर पण्डाल व सामान समेटते हुए यहाँ के सन्नाटे को तोड़ते दिखे। मण्डी के बाहर भी आवाजाही नहीं के बराबर थी। बालाजी रोड पर लगे होर्डिग्स भी रातों-रात उतार लिए गए।

फरवरी माह के प्रथम सप्ताह में ही प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के झाँसी आगमन की सूचना आई, जिसके बाद से अधिकारियों ने तैयारियाँ शुरू कर दीं थीं। शुरूआत रैली के लिए मैदान तलाशने से हुई। इसके लिए जीआइसी व क्रॉफ्ट मेला मैदान देखा गया, लेकिन अन्त में भोजला मण्डी के विशाल मैदान पर सहमति बन गई। 5 फरवरी को प्रधानमन्त्री के आगमन की तिथि सामने आई। तय हुआ कि 15 फरवरी को प्रधानमन्त्री आएंगे, जबकि इससे पहले मुख्यमन्त्री के आगमन की सम्भावना जताई गई। प्रधानमन्त्री व मुख्यमन्त्री के आगमन की सूचना ने प्रशासनिक मशीनरी को हरकत में ला दिया। दौड़-भाग शुरू हो गई। मण्डलायुक्त, पुलिस उप महानिरीक्षक, ़िजलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जैसे अधिकारियों के साथ तमाम सरकारी अमले ने भोजला मण्डी में डेरा डाल दिया। प्रधानमन्त्री व मुख्यमन्त्री के लिए हेलिपैड बनाने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गई, तो बैठकों का दौर शुरू हो गया। शासन से संकेत मिले कि व्यस्तता के कारण मुख्यमन्त्री का आगमन अब प्रधानमन्त्री के साथ ही होगा, लेकिन अगले ही दिन 7 फरवरी को सीएम का कार्यक्रम बदला और 9 फरवरी के आने की सूचना आ गई। इसके बाद तो तैयारियों को मानों पंख लग गए। प्रधानमन्त्री के कार्यक्रम में पण्डाल की व्यवस्था करने वाली बस्ती की कमल इवेण्ट कम्पनि ने साजो-सामान के साथ भोजला मण्डी में डेरा डाल दिया। इधर, पण्डाल लगाने का काम प्रारम्भ हो गया, तो अधिकारी मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ के आगमन की तैयारी में जुट गए। 9 फरवरी को मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ झाँसी आए और प्रधानमन्त्री के आगमन को लेकर चल रही तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने पूरे मैदान पर लग रहे पण्डाल को सीमित कराया तथा मंच की दिशा भी परिवर्तित करा दी। सीएम के जाने के बाद दिन-प्रतिदिन तैयारियाँ जोर पकड़ती गई और 14 फरवरी की देर रात तक यह पूरी कर ली गई। 15 फरवरी की सुबह मैदान सज गया और प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने इस विशाल मंच से पाकिस्तान को कड़ा सन्देश दिया। इन 10 दिनों के दौरान भोजला मण्डी झाँसी के साथ ही लखनऊ और दिल्ली का केन्द्र बिन्दु बना रहा। नेताओं, अधिकारियों, पुलिस, भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ श्रमिकों के जमावड़े ने मण्डी की रौनक बढ़ा दी। सड़क पर भी दिन-रात वाहनों की दौड़ लगती रही, जिससे चहल-पहल बनी रही। रैली के बाद अपराह्न 3 बजे प्रधानमन्त्री का चॉपर आसमान में उड़ा, जिसके बाद मैदान खाली होने लगा। शाम तक पूरा मैदान खाली हो गया और मोर्चा श्रमिकों ने सँभाल लिया। शनिवार को भोजला मण्डी में सन्नाटा पसर गया। कुछ श्रमिक बीच मैदान में सामान समेटते ऩजर आए। मण्डी के बाहर सड़क का भी यही हाल रहा।

विश्व में मिल गई भोजला मण्डी को पहचान

महानगर के आखिरी छोर पर स्थित भोजला मण्डी 14 ़फरवरी तक अनजान थी। झाँसी के अधिकांश लोग भी इसे नहीं पहचानते थे, लेकिन एक ही रात में मण्डी की पहचान विश्व में हो गई। पुलवामा हादसे से आक्रोशित देश की निगाहें प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी पर टिकीं थीं। पूरा देश जानना चाहता था कि इस हृदयविदारक घटना के बाद प्रधानमन्त्री पाकिस्तान व आतंकियों के ख़्िाला़फ लड़ाई को क्या दिशा देंगे। प्रधानमन्त्री ने इस सन्देश को जनता तक पहुँचाने के लिए वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की नगरी को चुना। भोजला मण्डी में आयोजित कार्यक्रम से प्रधानमन्त्री ने पाकिस्तान व आतंकवाद को ललकारा। प्रधानमन्त्री के बयान पर विश्व की भी ऩजर थी, इसलिए झाँसी से दिया गया उनका सन्देश पूरे विश्व में पहुँचा।

बीच में बॉक्स

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रैली की सफलता ने दी राहत

झाँसी : प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ के आगमन और जनता से 'सीधा सम्वाद' कार्यक्रम निर्विघ्न सम्पन्न कराना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती था। समय कम था - काम अधिक, लेकिन प्रशासन व पुलिस के अधिकारियों ने दिन-रात एक कर दिया। पूरा प्रशासन एकजुट हो गया और ़िजम्मेदारियों को स्वयं कंधे पर लेकर तैयारी ते़ज कर दी। इसी का परिणाम रहा कि झाँसी में बिना किसी बाधा के प्रधानमन्त्री की अभूतपूर्व रैली सम्पन्न हुई, जिससे अधिकारियों ने भी राहत की साँस ली।

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ये बोले अधिकारी

'प्रधानमन्त्री व मुख्यमन्त्री के आगमन की सूचना मिलते ही ़िजला व पुलिस प्रशासन एकजुट होकर तैयारियों में लग गया। सभी ने ़िजम्मेदारियाँ उठाई और निष्ठा के साथ काम किया। लगातार बैठक कर आगे की रणनीति बनाई गई। 9 फरवरी को मुख्यमन्त्री झाँसी आए और दिशा-निर्देश दिए। इन आदेशों का अनुपालन कर त्रुटिरहित व्यवस्था की गई। इसी का परिणाम रहा कि बिना किसी रुकावट के रैली सम्पन्न हुई। इसके लिए ़िजला व पुलिस प्रशासन बधाई का पात्र है।'

0 कुमुदलता श्रीवास्तव (मण्डलायुक्त)

'कम समय में प्रधानमन्त्री की जनसभा की तैयारियाँ पूरी करना चुनौतीपूर्ण कार्य था, लेकिन ़िजला व पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने समग्र रणनीति बनाई और एकजुट होकर काम किया। रैली में अधिक भीड़ आने की सम्भावना पहले से ही थी, इसलिए यातायात व्यवस्था बनाना भी आसान नहीं था। इसका भी कुशल प्रबन्धन किया गया। पीएमओ व सीएमओ कार्यालय से दिशा-निर्देश मिलते रहे, तो मुख्यमन्त्री ने स्वयं झाँसी आकर दिशा-निर्देश दिए, जिनका अनुपालन किया गया, जिससे निर्विघ्न रैली सम्पन्न हुई। जनप्रतिनिधियों ने भी पूरा सहयोग किया।'

0 सुभाष सिंह बघेल (डीआइजी)

'प्रधानमन्त्री के आगमन को लेकर लगातार प्रधानमन्त्री व मुख्यमन्त्री कार्यालय के सम्पर्क में रहे। वहाँ से जो भी दिशा-निर्देश मिले, उन पर अमल किया गया। सभी अधिकारियों को ़िजम्मेदारियाँ दी गई, जिसकी नियमित ब्रीफिंग की गई। 9 फरवरी को मुख्यमन्त्री झाँसी आए, तो उन्होंने सा़फ-स़फाई व तैयारियों को लेकर जो निर्देश दिए, उन पर काम कराया गया। सभी अफसरों ने मिलकर फाइनल रणनीति बनाई। जनप्रतिनिधियों से भी सलाह ली गई। कितनी भीड़ रैली में आनी है, रूट प्लैन आदि के बारे में पहले से ही आकलन किया गया। भोजला मण्डी उपयुक्त स्थान रहा। इन सभी समग्र प्रयासों ने रैली को सफल बना दिया।'

0 शिवसहाय अवस्थी (़िजलाधिकारी)

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ये बोली जनता

'भोजला मण्डी में प्रधानमन्त्री की रैली में भारी भीड़ उमड़ी। इसके लिए प्रशासन ने काफी व्यवस्था की, लेकिन रैली के बाद लोगों का रेला एक साथ जब सड़क पर आया, तो जैम की स्थिति बन गई। बड़े आयोजन के लिए भोजला मण्डी बेहतर स्थान है, लेकिन इसके लिए प्रशासन को बालाजी रोड का चौड़ीकरण कराना होगा, ताकि आवागमन में बाधा न हो।'

0 एड. प्रेम विजय सिंह, ग्राम भोजला

'पुलवामा हादसे के बाद जनता क्रोध में है। लोग जानना चाहते थे कि प्रधानमन्त्री झाँसी से क्या सन्देश देंगे। इससे सुनने के लिए रैली में भारी भीड़ उमड़ी। प्रधानमन्त्री ने सेना को ़फैसले लेने की अनुमति दे दी है। सरकार आतंकियों को सबक सिखाने के लिए, जो भी काम करेगी, देश का हर नागरिक उसके साथ होगा। इस रैली ने भोजला मण्डी को प्रसिद्ध कर दिया।'

0 सचिन दोहरे, ग्राम कोट बेहटा

'स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण रैली में शामिल नहीं हुआ, लेकिन सड़क पर भारी भीड़ देखकर हैरान रह गया। भोजला में इतनी भीड़ पहली बार देखी। उनके दरवा़जे पर एलईडी लगी थी, जिससे प्रधानमन्त्री मोदी को देखा। उन्होंने पाकिस्तान व आतंकवाद को कुचलने का भरोसा दिलाया है। अब सरकार को कोई कड़ा ़कदम उठाना चाहिए।'

0 मनोज कुमार, ग्राम भोजला

'वैसे मैं भोजला में काम करता हूँ, लेकिन 15 फरवरी को दुकान बन्द रही। फिर भी मध्य प्रदेश के भाण्डेर तहसील (दतिया) के ग्राम चाँदनी से 60 किलोमीटर का स़फर तय कर सिर्फ प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी का भाषण सुनने आया था। उन्होंने पाकिस्तान को सबक सिखाने की बात कही है। पीएम पर पूरा भरोसा है कि वह सैनिकों के बलिदान का बदला जरूर लेंगे। रैली में ऐतिहासिक भीड़ उमड़ी।'

0 जितेन्द्र सरौनिया, ग्राम चाँदनी

फाइल : राजेश शर्मा

15 फरवरी 2019

समय : 6.15 बजे


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