कच्छ सँवर सकता है तो बुन्देलखण्ड भी
0 विकास पर चुनावी रण के दिए संकेत 0 कहा- डिफेंस कॉरिडोर देगा रो़जगार, पाइप पेयजल योजना बुझाएगी प्य
0 विकास पर चुनावी रण के दिए संकेत
0 कहा- डिफेंस कॉरिडोर देगा रो़जगार, पाइप पेयजल योजना बुझाएगी प्यास
झाँसी : पुलवामा हादसे से गमगीन सभा में प्रधानमन्त्री ने राजनैतिक भाषण नहीं दिया, लेकिन आगामी लोकसभा चुनाव के रण की दिशा तय कर दी। उन्होंने गुजरात के कच्छ में हुए परिवर्तन का हवाला देकर बुन्देलखण्ड की तस्वीर बदलने का दावा किया।
भोजला मण्डी में जनता से सीधा सम्वाद करते हुए प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने एक बार फिर 'सबका साथ-सबका विकास' का नारा बुलन्द किया। गुजरात के कच्छ में हुए विकास का हवाला देते हुए प्रधानमन्त्री ने कहा कि पाकिस्तान बॉर्डर पर स्थित कच्छ की पहचान उजाड़ रेगिस्तान के रूप में थी। पीने का पानी तक नहीं था। अधिकारी यहाँ तैनाती नहीं चाहते थे, तो लोग रहना पसन्द नहीं करते थे। कच्छ में लोग बेटियों की शादी तक नहीं करते थे। वर्ष 2001 में कच्छ में प्रलयंकारी भूकम्प आया। वह मुख्यमन्त्री थे, तो उन्हें कच्छ के विकास का अवसर मिला। आज देश में सबसे ते़ज गति से आगे बढ़ने वाले जनपदों में कच्छ शामिल है। अगर कच्छ सँवर सकता है, तो बुन्देलखण्ड क्यों नहीं। प्रधानमन्त्री ने कहा कि डिफेंस कॉरिडोर में निवेश करने के लिए देश-दुनिया के उद्योगपति रुचि ले रहे हैं। अब तक 4 ह़जार करोड़ के समझौते हो चुके हैं। डिफेंस कॉरिडोर स्थापित होने पर छोटे-छोटे उद्योगों को संजीवनी मिलेगी, तो प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से लाखों लोगों को रो़जगार मिलेगा। यहाँ की दूसरी सबसे बड़ी समस्या पानी की है, जिसे दूर करने के लिए 9 ह़जार करोड़ की पेयजल योजना प्रारम्भ की जा रही है। यह परियोजना पूरे बुन्देलखण्ड का प्यास बुझाने में सक्षम है। किसान सम्मान निधि योजना से हर साल 6 ह़जार रुपए किसान के खाते में भेजने की जानकारी देते हुए बताया कि इसका लाभ देश के 2.25 करोड़ में से 2.14 करोड़ किसानों को मिलेगा। अगले 10 साल में इस परियोजना से साढ़े सात लाख करोड़ रुपए किसानों के खाते में जाएंगे।
कामधेनु आयोग का गठन
प्रधानमन्त्री ने बताया कि गौवंश को संरक्षण देने के लिए 'कामधेनु आयोग' का गठन किया गया है। इसके लिए 500 करोड़ का प्राविधान किया गया है। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड में अन्ना प्रथा से छुटकारा दिलाने में आयोग सहायक होगा। यहाँ चारा की व्यवस्था नहीं है, तो पशु तस्करी की भी गम्भीर समस्या है।
किसानों की ऋण लिमिट बढ़ी, पशु व मत्स्य पालकों को मिलेगा केसीसी
प्रधानमन्त्री ने बताया कि किसानों को अब तक कृषि ऋण के रूप में बिना गैरण्टि 1 लाख रुपए मिलते थे, परन्तु किसान अब आधुनिक खेती कर रहा है। उसे और पैसों की आवश्यकता रहती है, जिसके लिए साहूकार के पास जाता है। इसे देखते हुए सरकार ने कृषि ऋण की लिमिट 1.60 लाख रुपए कर दी है। यही नहीं, पशुपालक व मत्स्य पालकों के लिए केसीसी से ऋण की व्यवस्था भी की गई है।
महिलाओं से माँगा वापसी का आशीर्वाद
प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने 9 ह़जार करोड़ की पेयजल योजना का शिलान्यास करते हुए प्रधानमन्त्री ने कहा कि पानी की समस्या का सबसे अधिक सामना महिलाओं को करना पड़ता है। सुबह से शाम तक उन्हें पानी जुटाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है, लेकिन पाइप पेयजल योजना से महिलाओं की इस समस्या का समाधान होगा। उन्होंने बुन्देलखण्ड की विकास परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए महिलाओं से आशीर्वाद माँगा।
ब्याज समेत लौटाने का वादा याद दिलाया
विकास योजनाओं की फेहरिस्त गिनाते हुए प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने झाँसी की गई पिछली जनसभा की याद ता़जा की। उन्होंने कहा कि पिछली बार आया था, तो वादा किया था आपके समर्थन को ब्याज समेत लौटाऊँगा। हम वादा निभाने वाले हैं। जो इरादे लेकर निकलते हैं, उसे पूरे करते हैं। साढ़े चार साल तक सरकार विकास में जुटी रही।
फाइल : राजेश शर्मा
15 फरवरी 2019
समय : 8.30 बजे