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सहकारी बैंक भी देंगे उपभोक्ताओं को 'कवच'

- बनानी होगी साइबर सिक्योरिटि पॉलिसी - फ्रॉड का बनेगा ब्यौरा, ़कानूनी कार्यवाही कराएंगे बैंक झाँ

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 01:01 AM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 01:01 AM (IST)
सहकारी बैंक भी देंगे उपभोक्ताओं को 'कवच'
सहकारी बैंक भी देंगे उपभोक्ताओं को 'कवच'

- बनानी होगी साइबर सिक्योरिटि पॉलिसी

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- फ्रॉड का बनेगा ब्यौरा, ़कानूनी कार्यवाही कराएंगे बैंक

झाँसी : सहकारी बैंकों को भी अब राष्ट्रीयकृत बैंक की तरह साइबर सिक्योरिटि पॉलिसी तैयार करनी होगी। साथ ही बैंक अब उपभोक्ताओं के साथ हुए साइबर फ्रॉड का विवरण तैयार करेंगे और उसकी रोकथाम के लिए काम करेंगे। फ्रॉड रोकने के लिए बैंक ने क्या ़कदम उठाये, इसकी जानकारी बैंक नियामक आरबीआइ को भेजेंगे।

डिजिटल इण्डिया के दौर में एटीएम कार्ड और ऑनलाइन ट्रां़जैक्शन की माँग ते़जी से बढ़ रही है। आसान तरीके से लेन-देन लोगों को प्रभावित कर रहा है, इसलिए लोग ऑनलाइन लेन-देन की सुविधा ले रहे हैं। जैसे-जैसे इस सुविधा का विस्तार हो रहा है, ठगी भी बढ़ती जा रही है। ऐसी शिकायतों की भरमार है, जिसमें ठगों ने किसी न किसी तरीके से गोपनीय डिटेल पूछकर खाते से रुपए गायब कर दिये, तो क्लोनिंग के जरिए भी लोगों के खाते से खूब पैसे निकले। ग्रामीण क्षेत्रों में पकड़ रखने वाले सहकारी बैंकों में भी एटीएम कार्ड धारकों व ऑनलाइन लेन-देन करने वालों की संख्या बढ़ रही है। चूँकि अधिकांश उपभोक्ताओं के लिए यह ची़ज नयी है, इसलिए ठग भी सक्रिय हो गये हैं। तमाम सरकारी योजनाओं के नाम पर ठग ग्रामीणों के खाते खाली करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। सहकारी बैंकों को इतना अपग्रेड नहीं माना जाता, इसलिए ऐसे मामलों की रोकथाम भी मुश्किल हो रही है। इस मामले को संज्ञान में लेते हुए बैंक नियामक रि़जर्व बैंक ऑफ इण्डिया ने सहकारी बैंकों के लिए साइबर सिक्योरिटि पॉलिसी बनानी अनिवार्य कर दी है। आदेश के मुताबिक 3 से 6 महीने में सहकारी बैंकों को साइबर सिक्योरिटि पर काम करना होगा। अभी तक जिन उपभोक्ताओं के साथ ठगी के मामले हुए हैं या हो रहे हैं, ऐसे मामलों की जाँच कर पता करना होगा कि ठग किस ढंग से ठगी को अंजाम दे रहे हैं। उस हिसाब से बैंकों को ऐसी व्यवस्था करनी होगी, ताकि ठगी न हो पाए। मसलन, एटीएम कार्ड की पट्टी को बदल सकते हैं, ताकि क्लोनिंग सम्भव न हो पाए। ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) से ही लेन-देन की अनुमति की व्यवस्था कर सकते हैं। इसके अलावा जिन उपभोक्ताओं के साथ ठगी होती है, उनका विवरण तैयार कर आरबीआइ को भेजेंगे। यह भी बताएंगे कि इस प्रकार की शिकायत को दूर करने के लिए बैंक ने क्या ़कदम उठाये।

हर लेन-देन पर रखी जाएगी ऩजर

बैंक अधिकारियों के मुताबिक उपभोक्ताओं के साथ ठगी न हो पाए, इसके लिए बैंक में आकर रुपए जमा या निकासी करने वालों से बैंक कर्मचारी बात कर रहे हैं। उपभोक्ताओं को खातों की सुरक्षा के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है।

फाइल : हिमांशु वर्मा

समय : 7.50 बजे

14 नवम्बर 2018


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