फिर दिलों पर छाने आ रहे हैं ऱजा
फोटो ::::::::: 0 मशहूर गायक अल्ताफ ऱजा ने बेहतरीन नगमों से लूटी महफिल 0 हिन्दी फिल्मों में
फोटो
:::::::::
0 मशहूर गायक अल्ताफ ऱजा ने बेहतरीन नगमों से लूटी महफिल
0 हिन्दी फिल्मों में चार चाँद लगाने का काम करती है कव्वाली
झाँसी : सड़कों-गलियों में अक्सर गँूजने वाले गीत- तुम तो ठहरे परदेसी साथ क्या निभाओगे.. के बोल जब रविवार की रात सीनियर रेलवे इंस्टिट्यूट के मैदान में गूँजे, तो ऱजा-ऱजा के उद्घघोष के साथ तालियों की बौछार होने लगी। मंच पर एक ओर पाश्र्र्व गायक अल्ताफ रजा थे, तो दूसरी ओर खचाखच भीड़ से भरी दीर्घा में उनके साथ सुर लगाने और थिरकने वाले बेताव युवक-युवतियाँ। रविवार की रात सुर संगीत और कव्वाली के कुछ ऐसे ही भाव के साथ जवान हुई।
रविवार सरवार कुरैशी उर्फ अन्ना डिस्क वाले के निजी कार्यक्रम में शामिल होने आए पाश्र्र्व गायक अल्ताफ ऱजा व साथी कलाकारों ने फिल्मी गीतों सहित कव्वालियों के रंगारंग एलबम की प्रस्तुति दी। रात ढलती गई और अल्ताफ ऱजा के सुरों का रंग गाढ़ा होता गया। 'आवारा हवा का झोंका हूँ' के बाद 'इश्क और प्यार का म़जा लीजिए, थोड़ा इन्त़जार का मजा लीजिये'.. 'पहले तो कभी-कभी गम था'.. 'तुमसे कितना प्यार है, दिल में उतर के देख लो' गीतों ने श्रोताओं को झूमने पर म़जबूर कर दिया। इससे पहले मंच पर आए बुन्देलखण्ड के मशहूर कमेडियन जीतू देवानन्द ने विभिन्न फिल्मी अभिनेता व राजनेताओं की मिमिक्री कर दर्शकों को हँसाने का काम किया। युवाओं की फरमाईशों को पूरा करते हुए अल्ताफ ऱजा ने फिल्म हण्टर का गीत 'दिल लगाना तो मेरी आदत है'.. सुनाकर युवक-युवतियों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
गौरतलब है कि महज 18 वर्ष की उम्र में संगीत करियर की शुरूआत करने वाले इस सुपरहिट गायक को हिन्दी फिल्मी दुनिया में अपनी गायिकी का जलवा दिखाने का मौका सन 1999 में हिट संगीत एलबम तुम तो ठहरे परदेसी से मिला। उनके इस गीत ने इन्हें रातों-रात सिनेमा जगत का चमकता सितारा बना दिया था। कहते हैं अल्ताफ ऱजा वो सिंगर हैं, जिन्होंने आशिकों के लिए दर्द भरे नगमों का अविष्कार किया है। उनके गानों में दर्द है, शायरी भी ऐसी जिसे आप बार-बार सुनो तो दिल दुख:में डूब जाए।
इसके अलावा इन्होंने अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती और जैकी श्रॉफ के साथ कई हिन्दी फिल्मों में दमदार अभिनय करते हुए शपथ, यमराज, मदर, हण्टर, चलना जारी रखें, टूनपुर का सुपरहीरो, बा़जार, कम्पनि, बेनाम, माँ, परदेसी बाबू, वी आर बैक, तिरछी टोपी वाला, हरजई, चंदल, तमाशा और घनचक्कर जैसी फिल्मों में दमदार संगीत देकर खूब वाहवाही लूटी। अल्ताफ ऱजा अपने दौर के सुपरहिट गायकों में से एक रहे। इसके बाद उन्होंने कई हिट एलबम को अपनी आवा़ज देकर अपनी सुरीली आवा़ज का डंका पूरे विश्व में बजाया। देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी इनके चाहने वालों की संख्या अधिक है।
दैनिक जागरण से बात करते हुए मशहूर पाश्र्र्व गायक अल्ताफ ऱजा ने बताया कि पहले की हिन्दी फिल्मों में कव्वाली फिल्मों की शान हुआ करती थी, लेकिन जैसे-जैसे सिनेमा में बदलाव हुआ, कव्वाली भ्फिल्मों से गायब- सी हो गई। फिल्मों को सजाने का काम कव्वाली करती है। अब कव्वाली मंच तक सिमट कर रह गई, लेकिन मुझे उम्मीद है कि हिन्दी फिल्मों में कव्वाली का दौर एक बार फिर लौटकर आएगा,उन्होंने बताया कि जल्द ही उनकी कई एलबम सिरी़ज उनके चाहने वालों की दिली हसरत पूरी करने आ रही हैं। इसके अलावा वे कई बड़ी फिल्मों के साथ एक बार फिर बॉलिवुड में कमबैक करने जा रहे हैं।
फोटो :: 11 बीकेएस 104
रोटरी क्लब रानी झाँसी ने राहगीरों को कराया भोजन
झाँसी : रोटरी क्लब रानी झाँसी के तत्वावधान में इलाइट चौराहे पर साझा-चूल्हा भोजन वितरण योजना के तहत दो दिवसीय कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। प्रोजेक्ट चेयरपर्सन राजेश दुबे व उपासना बब्बर के संयोजन में सम्पन्न हुए कार्यक्रम में राहगीरों को भोजन कराया गया। इस अवसर पर सजनीता परवार, मनीषा जैन, जयन्तमनी जैन, पालोमी जैन, इशिता जैन आदि शामिल रहे।
नरेन्द्र सिंह
समय 4.45
दिनाँक 12 नवम्बर 18