लखनऊ में जुटेंगे कृषि वैज्ञानिक : शाही
फोटो ::: - 3 दिवसीय कृषि महाकुम्भ में 1 लाख से अधिक किसान प्रतिभाग करेंगे - ़फसल का अवशेष जला
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- 3 दिवसीय कृषि महाकुम्भ में 1 लाख से अधिक किसान प्रतिभाग करेंगे
- ़फसल का अवशेष जलाते पकड़े जाने पर एफआइआर होगी
- शून्य लागत प्राकृतिक खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करेंगे
झाँसी : '3 दिवसीय कृषि कुम्भ-2018 का आयोजन 26 से 28 अक्टूबर के मध्य लखनऊ में सम्पन्न होगा। इस आयोजन में उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से 1 लाख से अधिक किसान हिस्सा लेंगे। शासन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य वैज्ञानिक पद्धति के माध्यम से अनाज की पैदावार व किसानों की आमदनी बढ़ाना है।' यह बात प्रदेश के कृषि मन्त्री सूर्यप्रताप शाही ने पत्रकारों के साथ बात करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार खेती और किसानों के विकास के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाओं को संचालित कर रही है। किसानों की आय में वृद्धि को लेकर मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ ने इस कार्यक्रम को तैयार किया है। 3 दिवसीय इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों से आ रहे कृषि वैज्ञानिकों द्वारा विचार-विमर्श किया जाएगा। किसानों को बताया जाएगा कि वैज्ञानिक तरीकों का प्रयोग कर वे ़फसल की उत्पादकता और ट्रेडिंग, प्रोसेसिंग व पैकेजिंग को व्यवस्थित कर वे कैसे अपनी आमदनी में वृद्धि कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि कार्यशाला के माध्यम से किसानों को जागरूक किया जाएगा कि वे ़फसल की कटाई के बाद खेतों में अवशेषों को कतई न जलाएं। ऐसा करने से प्राकृतिक संसाधनों को तो नु़कसान पहुँचता ही है, वायुमण्डल का तापमान बढ़ता है, ़जमीन की उर्वरा शक्ति नष्ट होती है। शून्य लागत प्राकृतिक खेती के जनक पद्मश्री सुभाष पालेकर की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि उनके द्वारा विकसित की गई पद्धति किसानों के लिए चमत्कार है। सरकार ने पायलेट प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों व कृषि विज्ञान केन्द्रों को निर्देशित करते हुए कहा है कि वे अपने यहाँ इसका अभ्यास शुरू करें, ताकि इस व्यवस्था का आकलन किया जा सके। ़फसल की कटाई के बाद खेतों में अवशेष जलाने पर एनजीटी ने पाबन्दी लगा रखी है। शासन ने भी निर्देश दिए हैं कि ऐसा कतई न किया जाए। इसके बाद भी कोई किसान ऐसा करते हुए पकड़ा जाता है, तो उसके ख़्िाला़फ एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि किसानों को कृषि यन्त्र देने की सुविधा भी शासन ने तय कर दी है। शासन द्वारा प्राथमिकता के आधार पर 40 से 50 प्रतिशत तक अनुदान कृषि यन्त्रों पर दिया जा रहा है। जो भी किसान इस योजना की प्रतीक्षा सूची में हैं, उनको शासन ने मौका दिया था कि वे 14 सितम्बर के पहले अपने यन्त्रों के ख़्ारीद का बिल पोर्टल पर अपलोड कर दें या फिर डिप्टी डायरेक्टर कृषि को उपलब्ध करा दें, ताकि उनको समय से कृषि यन्त्रों का आवण्टन किया जा सके। सोलर पम्प आवेदन की तिथि शासन ने 1 अक्टूबर तक तिथि बढ़ा दी है। समय से ड्राफ्ट जमा कराने वाले किसानों को इसका लाभ मिलेगा। शासन जल्द ही 5 ह़जार किसानों को सोलर पम्प उपलब्ध करा देगा। उन्होंने कहा कि रबी की बुआई के लिए शासन ने पूरी तैयारी कर ली है। शासन की मंशानुसार प्रदेश में किसी भी बीज की कमी नहीं होने दी जाएगी। सभी किसान ऑनलाइन पंजीकरण कराकर कृषि विभाग के गोदामों से बीज लेकर बुआई करें। सरकार बीज ग्राम योजना पर अनुदान बढ़ाने का विचार कर रही है। जल्द ही इसके बारे में सरकार निर्णय ले लेगी।
नरेन्द्र प्रताप सिंह
समय 7.15
21 सितम्बर 18