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फिर सँवरने लगा वृन्दावन लाल वर्मा पार्क

फोटो : 18 बीकेएस 13 व 12 ::: 0 वर्ष 2006 में 92 लाख रुपए की लागत से तैयार किया गया था पार्क 0

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Jul 2018 01:01 AM (IST)Updated: Fri, 20 Jul 2018 01:01 AM (IST)
फिर सँवरने लगा वृन्दावन लाल वर्मा पार्क
फिर सँवरने लगा वृन्दावन लाल वर्मा पार्क

फोटो : 18 बीकेएस 13 व 12

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0 वर्ष 2006 में 92 लाख रुपए की लागत से तैयार किया गया था पार्क

0 अब अमृत के तहत पार्क को 3.25 करोड़ की लागत से किया जा रहा सुन्दर

झाँसी : किले की तलहटी में उजाड़ पड़े वृन्दावन लाल वर्मा पार्क को फिर से सँवारने का काम ते़जी से चल रहा है। 12 साल पहले बनाया गया यह पार्क प्रशासन की अनदेखी का ऐसा शिकार हुआ कि यहाँ पर पार्क के नाम पर अवशेष के अलावा कुछ नहीं बचा। अब उन्हीं कामों को फिर मरम्मत करके उनको नया स्वरूप देने का प्रयास किया जा रहा है। हालाँकि इसमें कुछ बदलाव किए गए हैं, जो आज के दौर के हिसाब के होंगे। इसकी लागत में बड़ा अन्तर सामने आ रहा है। पहले जहाँ पार्क के चौतरफा बाउण्ड्रीवॉल, गेट, झरना, फव्वारा, हट, कैण्टीन, फुटपाथ के साथ ही अन्य विकास कार्य लगभग 92 लाख रुपए में कराए गए थे, इस बार पार्क को सुन्दर बनाने के लिए 3.25 करोड़ की लागत का खाका तैयार कर उसको अमलीजामा पहनाया जा रहा है।

सैलानी हों या शहरवासियों के यहाँ आने वाले रिश्तेदार या फिर खुद शहरवासी - घूमने-फिरने की बात आती है, तो अधिकतर अपना रुख ऐतिहासिक किला की ओर करते हैं। किला पर आने वाले सैलानियों का मनमोहने के लिए प्रशासन लम्बे समय से प्रयास कर रहा है। नगर निगम ने रानी लक्ष्मीबाई पार्क और मैथिलीशरण गुप्त पार्क को सुन्दर बना दिया। किले की तलहटी पर बने वृन्दावन लाल पार्क का निर्माण झाँसी विकास प्राधिकरण ने बुन्देलखण्ड विकास पैकेज के तहत वर्ष 2006 में 91.97 लाख रुपए की लागत से कराया था। इसमें लोगों के घूमने-फिरने के लिए फुटपाथ और आराम करने के लिए हट बनाये गये थे, जिसमें कुर्सी-मेज आदि लगाए गए थे। फव्वारे, झरना आदि के साथ ही बंजर ़जमीन में घास लगाकर इसे हरा-भरा कर दिया था। कुछ दिन तक तो पार्क लोगों को लुभाता रहा और लोग यहाँ आते रहे। इसके बाद झाँसी विकास प्राधिकरण और नगर निगम में पार्क के हस्तान्तरण को लेकर ऐसा पेंच फँसा कि पार्क दोनों के बीच में झूलता रहा और अनदेखी के चलते उजड़ गया। अब जब शहर स्मार्ट सिटि में शामिल हो गया, तो नगर निगम को यह पार्क फिर से ऩजर आया। इस पार्क के मूल स्वरूप की मरम्मत के साथ ही अब इसमें बाउल फाउण्टेन, एक नया हट, झरना, दालान, टॉयलेट के साथ ही बच्चों के खेलने के लिए झूले, फिसलपट्टी आदि उपकरण लगाए जाएंगे। वर्तमान में पार्क के अन्दर विकास कार्य ते़जी से चल रहे हैं, तो हरा-भरा करने के लिए घास और पौधे लगाए जा रहे हैं।

पार्क को सब-वे से जोड़ने का प्रस्ताव निरस्त

नगर निगम ने रानी लक्ष्मीबाई, मैथिलीशरण गुप्त पार्क के साथ ही सड़क के दूसरे छोर पर बने वृन्दावन लाल पार्क को जोड़ने के लिए बीच से निकली सड़क के नीचे से अण्डर ग्राउण्ड पुल बनाए जाने का प्रस्ताव बनाया था। इसके पीछे मंशा थी कि अगर कोई यहाँ घूमने आए, तो सड़क पार करने की बजाय सब-वे से आ-जा सके। यह प्रस्ताव तीनों पार्क (रानी लक्ष्मीबाई पार्क, मैथिलीशरण गुप्त पार्क व वृन्दावनलाल वर्मा पार्क) को जोड़ने के लिए महत्वपूर्ण था। इसको निरस्त कर दिया गया। नगर निगम के अवर अभियन्ता एसके ओझा ने बताया कि उक्त क्षेत्र पुरातत्व विभाग का है। अण्डर ग्राउण्ड पुल के लिए पुरातत्व विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र माँगा थी, जिसे देने से विभाग ने इन्कार कर दिया।

19 इरशाद-1

समय : 6.55 बजे


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